यह याचिका राधा कुमार, हिंदल हैदर तैयबजी, कपिल काक, अशोक कुमार मेहता, अमिताभ पांडे और गोपाल पिल्लई ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि बिना लोगों की इच्छाओं का पता लगाए अनुच्छेद 370 को हटाने का कदम लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों, संघवाद और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
साक्षात्कार: जम्मू कश्मीर में मीडिया की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन से विशाल जायसवाल की बातचीत.
कश्मीर मुद्दे पर हो रही प्रोपगेंडा पत्रकारिता पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
एक तरफ कहा जाता है कि कश्मीर हमारा अभिन्न अंग है, उस लिहाज़ से कश्मीरी भी अभिन्न होने चाहिए थे. तो फिर इस बदलाव की प्रक्रिया में उनसे बात क्यों नहीं की गई? उनकी राय क्यों नहीं पूछी गई?
कहा जा रहा है कि लोकतंत्र बहुमत से ही चलता है और बहुमत है, लेकिन ‘बहुमत’ मतलब बहु-मत हों, विभिन्न मत, लेकिन संसद में क्या मतों का आदान-प्रदान हुआ? एक आदमी चीख रहा था, तीन सौ से ज्यादा लोग मेजें पीट रहे थे. यह बहुमत नहीं, बहुसंख्या है. आपके पास मत नहीं, गिनने वाले सिर हैं.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि जम्मू कश्मीर सहित पूरे देश की जनता के प्रति सरकार का यह कर्तव्य है कि वह प्रेस को स्वतंत्र तरीके से काम करने दे जो कि लोकतंत्र का महत्वपूर्ण स्तंभ है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता निर्मल सिंह ने कहा कि उन्हें 'स्थानीय' प्रमाणपत्र जैसे किसी सुरक्षा की जरूरत है, जिससे राज्य में जमीन और नौकरियों के संबंध में स्थानीय निवासियों के हितों की रक्षा की जा सके.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने न सिर्फ अनुच्छेद 370 की आत्मा को ख़त्म किया, बल्कि एक कदम आगे बढ़ते हुए पूरे राज्य के अस्तित्व को समाप्त करते हुए इसे दो हिस्सों में बांट दिया, जहां कानून-व्यवस्था और ज़मीन जैसे अहम मसलों पर फैसला नई दिल्ली में बैठे नौकरशाहों द्वारा लिया जाएगा.
असुरक्षा का भाव समाज के सैन्यकरण की स्वीकृति का अनिवार्य तत्व होता है. सांप्रदायिक राजनीति उसके भीतर भी असुरक्षा बोध खड़ा करती है जिसके पक्ष में वह दिखना चाहती है और उसके भीतर भी, जिसे वह शत्रु के रूप में चित्रित करती है. कश्मीर में असुरक्षा की भावना का इस्तेमाल कश्मीरी हिंदुओं और कश्मीरी मुसलमानों दोनों के ख़िलाफ़ होता आ रहा है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व निर्दलीय विधायक राशिद इंजीनियर से बीते कुछ दिनों से कश्मीरी अलगाववादियों द्वारा लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद सहित पाकिस्तान से पैसे लेकर घाटी में तनाव फैलाने के संबंध में पूछताछ की जा रही थी.
जिन पर फैसले का असर होने वाला हो, उन्हें अंधेरे में रखकर लिया गया कोई भी निर्णय किसी भी तर्क से उनके हित में नहीं हो सकता. अपनी सैन्य शक्ति के बल पर अभिभावकत्व हासिल करना आपके दावे को किसी भी तरह जायज़ नहीं बना सकता.
वीडियो: जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के मोदी सरकार के फैसले पर जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की जनरल सेक्रेटरी शेहला राशिद और वर्ल्ड बैंक की सलाहकार अनीसा दराबू से चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
वीडियो: मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में बांटने का फैसला किया है. इस मुद्दे प्रोफेसर अपूर्वानंद का नज़रिया.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के फैसले के बाद घाटी में पाबंदियों के बीच नूरबाग इलाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई. इलाके में प्रदर्शन हुआ. पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें छह लोग जख्मी हुए हैं.
मोदी सरकार के इस कदम ने सात दशकों की आधिकारिक नीति को ख़त्म करते हुए देश को अनजान क़ानूनी और राजनीतिक मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है.