राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के ख़िलाफ़ विभिन्न अपराधों की कुल 800 शिकायतें मिली हैं. इनमें घरेलू हिंसा की शिकायतें लगभग 40 प्रतिशत हैं. इसके अलावा 54 साइबर शिकायतें ऑनलाइन प्राप्त हुई हैं.
मामला बिहार के गया का है, जो सात अप्रैल को सामने आया. पीड़िता की सास का आरोप है कि आइसोलेशन वार्ड में पीड़िता की देखरेख करने वाले स्वास्थ्यकर्मी ने दो और तीन अप्रैल की रात को पीड़िता से बलात्कार किया. पीड़िता की छह अप्रैल को मौत हो गई थी.
चाइल्डलाइन इंडिया हेल्पलाइन ने जानकारी दी है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से 20 से 31 मार्च के बीच उनके पास 3.07 लाख फोन कॉल आए, जिसमें से 30 फीसदी कॉल बच्चों से जुड़ी थीं, जिनमें हिंसा और उत्पीड़न से बचाने की मांग की गई थी.
कोरोना संकट के दौरान देश-विदेश से महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती घरेलू हिंसा की ख़बरें आ रही हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच घर में बंद रहने के अलावा कोई चारा भी नहीं है. लेकिन अफ़सोस कि टीवी पर आ रहे निर्देशों में पारिवारिक हिंसा पर जागरूकता के संदेश नदारद हैं. महिलाओं पर पड़े कामकाज के बोझ को भी चुटकुलों में तब्दील किया जा चुका है.
सूरत पुलिस ने महिला डॉक्टर के पड़ोस में रहने वाले एक दंपति को गिरफ़्तार किया है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने गुजरात पुलिस को विस्तृत जांच करने के और डॉक्टर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.
मुंबई के कलीना इलाके का मामला. पुलिस ने एपिडेमिक डिज़ीज़ एक्ट के तहत अज्ञात बाइकर के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया. दिल्ली में बीते मार्च महीने में मणिपुर की ही एक अन्य युवती को कोरोना कहकर उस पर एक युवक ने पान थूक दिया था.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि हिंसा महज़ रणक्षेत्र तक ही सीमित नहीं है और कई महिलाओं व लड़कियों के लिए सबसे ज़्यादा ख़तरा तब होता है जब उन्हें अपने घरों में सबसे सुरक्षित होना चाहिए.
राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के 69, विवाहित महिलाओं की प्रताड़ना के 15, दहेज की वजह से हत्या के दो और बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के 13 मामले दर्ज हुए हैं.
दिल्ली के गार्गी कॉलेज के वार्षिक महोत्सव के दौरान 6 फरवरी को छात्राओं के साथ छेड़छाड़ हुई. आरोप है कि पुलिस छेड़छाड़ की घटना को मूकदर्शक बनी देखती रही.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रतन लाल हंगलू वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर 2016 से निगरानी में थे. उन्हें यौन उत्पीड़न की शिकायतों को उपयुक्त ढंग से नहीं निपटाने और छात्राओं के लिए शिकायत निवारण प्रणाली की कमी को लेकर पिछले सप्ताह राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी तलब किया था.
हैदराबाद में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सभी चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद लोग पुलिस के समर्थन में सामने आए हैं, वहीं इस एनकाउंटर की जांच की मांग भी उठ रही है.
बीते 27 नवंबर को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के बाहरी इलाके में सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर की चार युवकों ने बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी.
27 नवंबर की रात को काम से लौट रहीं एक महिला डॉक्टर को मदद का झांसा देकर उनका अपहरण कर बलात्कार किया गया. अगली सुबह उनका अधजला शव पास के फ्लाईओवर के नीचे से बरामद हुआ. मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
नन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि बिशप फ्रैंको मुलक्कल और उनके समर्थक सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनलों के माध्यम से उसे और मामले में गवाह उसकी साथी ननों को अपमानित कर रहे हैं.