डॉ. कफील खान को 29 जनवरी को महाराष्ट्र से गिरफ़्तार किया गया था. उन्हें ज़मानत मिल चुकी थी लेकिन शुक्रवार को रिहाई से पहले यूपी पुलिस ने उन पर रासुका लगा दी, जिसके चलते उन्हें रिहा नहीं किया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे विरोध के दौरान ही कुछ राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी में रासुका लगाने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर कहा कि हम सहमत हैं कि रासुका का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए लेकिन सभी के लिए कोई आदेश नहीं दिया जा सकता. इससे अव्यवस्था पैदा होगी.
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के आदेशानुसार 19 जनवरी से 18 अप्रैल 2020 तक दिल्ली पुलिस कमिश्नर को यह अधिकार है कि वे किसी भी व्यक्ति जिसे वे राष्ट्रीय सुरक्षा व क़ानून व्यवस्था के लिए ख़तरा मानते हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत हिरासत में ले सकते हैं.
35 सालों से न जीती गई भोपाल सीट पर दिग्विजय सिंह को उतारने के पीछे केंद्रीय नेतृत्व से अधिक मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा बताई जा रही है. विश्लेषक मानते हैं कि दिग्विजय की हार या जीत से फायदा कमलनाथ का ही है. जीत दिग्विजय को दिल्ली पहुंचाएगी, जिससे राज्य की राजनीति में उनका हस्तक्षेप कम होगा और हार ज़ाहिर तौर पर उनका क़द कम कर देगी.
पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह की आलोचना के आरोप में रासुका के तहत एक साल की क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. वे दिसंबर 2018 से जेल में हैं.
उत्तर प्रदेश के महराजगंज का एसपी रहते आईपीएस अधिकारी जसवीर सिंह ने वर्तमान मुख्यमंत्री एवं गोरखपुर के तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को रासुका के तहत गिरफ्तार किया था.
राज्य के आगर मालवा ज़िले में कथित तौर पर अवैध रूप से गाय ले जाने का मामला. इससे पहले खंडवा ज़िले में गोहत्या के मामले में तीन लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
खंडवा का मामला, पुलिस ने कहा संवेदनशील क्षेत्र होने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत मामला दर्ज किया. शिवराज सरकार में 2007-16 के बीच गोहत्या के मामले में 22 लोगों को रासुका में गिरफ़्तार किया गया था.
बीते नवंबर में मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार कर एक साल के लिए जेल में डाल दिया गया. उन पर सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की आलोचना करने का आरोप है. किशोरचंद्र की पत्नी रंजीता एलांगबम और उनके वकील श्रीजी भावसार से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
बुलंदशहर के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जमानत नहीं देने के लिए इन पर रासुका लगाया गया है. अगर जमानत मिलता है तो ये सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं.
वीडियो: भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आज़ाद की रिहाई पर उनके वकील श्रीजी भावसार से द वायर के अजय आशीर्वाद की बातचीत.
लगभग 16 महीने से सहारनपुर जेल में बंद चंद्रशेखर को 1 नवंबर 2018 को रिहा किया जाना था. निकलकर कहा, 2019 में भाजपा को सत्ता से बाहर करेंगे.
भीम आर्मी डिफेंस कमेटी के संयोजक प्रदीप नरवाल ने कहा कि चंद्रशेखर की जगह अगर आज बाबा साहेब आंबेडकर होते तो भाजपा सरकार उन पर भी रासुका लगा देती.