वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट में शिक्षा को 93 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक राशि आवंटित की गई है. स्कूली शिक्षा के बजट में सर्वाधिक करीब पांच हज़ार करोड़ रुपये, उच्च शिक्षा विभाग के बजट में एक हज़ार करोड़ रुपये और समग्र शिक्षा अभियान के आवंटन में सात हज़ार करोड़ रुपये की कटौती की गई है.
बाल अधिकारों से जुड़े संगठनों ने आम बजट से निराशा जताते हुए कहा कि बच्चों के लिए इस बार का बजटीय आवंटन बीते दस वर्षों में सबसे कम है. कोविड-19 के दौरान बच्चों ने बहुत-सी चुनौतियों का सामना किया, उम्मीद थी कि उनकी शिक्षा पर होने वाला बजटीय आवंटन बढ़ेगा, पर उनकी शिक्षा को प्राथमिकता नहीं दी गई.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की पुरानी परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय मौद्रिकरण कार्यक्रम शुरू करेगी. इसके तहत गैस पाइपलाइन, राजमार्ग आदि जैसी परियोजनाओं को निजी क्षेत्र के साथ साझा या किराये पर चढ़ाकर पैसे जुटाने का प्रस्ताव है.
वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने गिग कर्मचारियों की जानकारी एकत्र करने के लिये एक पोर्टल शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा है.
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इन राज्यों के आवंटन में क्रमश: 906 प्रतिशत, 1,173 प्रतिशत और 567 प्रतिशत का इज़ाफ़ा किया गया है.