पिछले साल कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान आठ मई को महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में रेल की पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मज़दूरों की एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी. इनमें से 11 मज़दूर शहडोल ज़िले के थे एवं बाकी उमरिया ज़िले के थे.
माल ढुलाई और यात्रियों की संख्या में हुई भारी बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए देश के ट्रैक नेटवर्क का तत्काल बड़े पैमाने पर पुनरुद्धार किए जाने की ज़रूरत है.
यूपी में पिछले एक महीने से कम समय में तीसरा हादसा, अब तक किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है.
उत्तर प्रदेश में चार दिन के भीतर दूसरा बड़ा रेल हादसा.
मंत्रालय ने कहा है कि यूपीए सरकार के पहले तीन वर्षों के कार्यकाल में 759 मौतें हुईं, दूसरे कार्यकाल में यह संख्या 938 हो गई. मौजूदा सरकार के पहले तीन वर्षों में यह संख्या 652 है.