सरकार का कहना है कि सीवीसी की सिफारिश के आधार पर आलोक वर्मा को हटाया गया है. हालांकि कानून के मुताबिक सीवीसी तब तक ऐसी सिफारिश नहीं कर सकती है जब तक की अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप दर्ज न किए गए हों.
सीबीआई विवाद: सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है. इनका आरोप है कि राकेश अस्थाना को बचाने और राफेल सौदे की जांच से बचने के लिए सरकार ने ऐसा क़दम उठाया.
सीबीआई विवाद: वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण का कहना है कि सीबीआई नवनियुक्त अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव के ख़िलाफ़ गंभीर शिकायतें हैं. निदेशक आलोक वर्मा ने उन्हें सीबीआई से हटाने के लिए और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की सिफ़ारिश की थी.
सीबीआई के डिप्टी एसपी एके बस्सी का अंडमान व निकोबार के पोर्ट ब्लेयर में तबादला कर दिया गया है. वहीं एडिशनल एसपी एसएस गम का तबादला कर सीबीआई जबलपुर भेज दिया गया है.
सीबीआई मुख्यालय स्थित निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के दफ़्तरों को सील किया गया. संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया.
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के भीतर हो रही जूतमपैजार भ्रष्टाचार के बदनुमा चेहरे को सामने लाने के साथ राजनीतिक नेतृत्व के शीर्ष स्तर पर सवाल खड़े करती है.
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी के इतिहास में पहला ऐसा मौका है जब उसके दो वरिष्ठतम अधिकारी एक दूसरे पर बेहद संगीन आरोप लगा रहे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर तक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ कार्रवाई पर रोक लगा दी. मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े मामले में जांच अधिकारी रहे डीएसपी देवेंद्र कुमार को सीबीआई ने सोमवार को गिरफ़्तार किया था. डीएसपी ने अपनी गिरफ्तारी को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
सीबीआई बनाम सीबीआई: राकेश अस्थाना रिश्वत मामले में सीबीआई ने अपने ही डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ़्तार किया है.
सीबीआई के दूसरे नंबर के अधिकारी राकेश अस्थाना पर मोईन कुरैशी भ्रष्टाचार मामले में रिश्वत लेने का आरोप है. रॉ के विशेष निदेशक सामंत कुमार गोयल भी जांच के घेरे में हैं.
भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व प्रमुख असद दुर्रानी ने मिलकर ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूज़न ऑफ पीस’ नाम की किताब लिखी है.
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा लिखित दलीलें दाख़िल करने के लिए भारत और पाकिस्तान को क्रमश: 17 अप्रैल और 17 जुलाई की समय सीमा दी गई है.
क्या कारण है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज नहीं बता पा रहीं कि वे और उनका मंत्रालय जाधव की मां व पत्नी को पाकिस्तान के मानवीय मुलाकात के झांसे से बचाने में क्यों विफल रहे?
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा एहतियात की आड़ में जाधव के परिवार के सदस्यों की सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाओं का ध्यान नहीं रखा गया.
जासूसी के आरोप में मौत की सज़ा पाने वाले भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं.