एक मानवाधिकार समूह ने कहा है कि म्यांमार की सेना छोड़कर भागने वाले दो सैनिकों ने वीडियो पर गवाही दी है कि उन्हें अधिकारियों द्वारा निर्देश दिया गया था, ‘जहां रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं वहां जिन्हें भी देखो और सुनो गोली मार दो.’
अदालत ने कहा कि उनका ये आदेश म्यांमार पर बाध्यकारी है और वे चार महीने में आईसीजे को रिपोर्ट देकर बताएं कि उन्होंने आदेश के अनुपालन के लिए क्या किया.
अगस्त 2017 से शुरू हुए सैन्य अभियानों के चलते करीब 7,40,000 रोहिंग्या लोगों को सीमापार बांग्लादेश भागना पड़ा था. पिछले साल सितंबर महीने में संयुक्त राष्ट्र की एक टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि म्यांमार में करीब छह लाख रोहिंग्या मुसलमान नरसंहार के गंभीर ख़तरे का सामना कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की फैक्ट फाइंडिंग मिशन ने एक रिपोर्ट में कहा कि म्यांमार लगातार नरसंहार की सोच को पनाह दे रहा है.