देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान टीके की बढ़ती मांग के बीच लंदन पहुंचे सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि वे दबाव के चलते देश से बाहर गए हैं. उन्होंने कहा कि सब उनके कंधों पर आ पड़ा है, जो उनके वश की बात नहीं है. उन्होंने भारत के बाहर वैक्सीन निर्माण की व्यावसायिक योजनाओं के संकेत दिए हैं.
अक्टूबर, 2019 में लंदन में मणिपुर के महाराजा लेशेम्बा सनाजाओबा का प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले मणिपुर के दो अलगाववादी नेताओं- याम्बेन बीरेन और नरेंगबाम समरजीत सिंह ने ब्रिटेन से ‘निर्वासन में मणिपुर सरकार’ की घोषणा कर दी थी. इसके बाद मणिपुर सरकार ने एक मामला दर्ज किया था, जिसे बाद में एनआईए को सौंप दिया था.
तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज़ शरीफ़ भ्रष्टाचार के एक मामले में सात साल की सज़ा काट रहे हैं. इलाज के लिए उन्हें चार हफ़्ते के लिए विदेश जाने की इजाज़त मिली थी. पिछले साल दिसंबर में यह अवधि ख़त्म हो चुकी है. तब से शरीफ़ लंदन से वापस नहीं लौटे हैं.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की ओर से बताया गया कि यह वॉरंट जंग मीडिया ग्रुप के प्रधान संपादक मीर शकीलुर रहमान को 1986 में गैर-क़ानूनी तरीके से ज़मीन आवंटित करने के मामले में जारी किया गया है. नवाज़ शरीफ़ उस समय पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री थे.
लंदन में मणिपुर के महाराजा लेशेम्बा सनाजाओबा के प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले दो व्यक्तियों ने ब्रिटेन से 'निर्वासन में मणिपुर सरकार' की घोषणा की. लेशेम्बा सनाजाओबा ने स्वयं को इससे अलग करते हुए इस मामले पर अनभिज्ञता ज़ाहिर की है.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब ने संसद में कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद से कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों की जांच होनी चाहिए.
सीबीआई ने कहा कि अगर ये जानकारी सार्वजनिक की जाती है तो इस संबंध में चल रही जांच पर प्रभाव पड़ सकता है.
लोकपाल अध्यक्ष चुनने में हुई देरी और लंदन में हीरा व्यापारी नीरव मोदी की गिरफ़्तारी पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नजरिया.
मनी लॉन्डरिंग के एक मामले में हीरा कारोबारी नीरव मोदी को प्रत्यर्पित करने के ईडी के अनुरोध पर लंदन की एक अदालत ने गिरफ़्तारी वॉरंट जारी किया है.
मोदी का प्रचार करने वाले उन्हें 'चौकीदार' कहने वाले अभियान के सहारे उनकी छवि बदलना चाहते हैं. हालांकि उनकी भ्रष्टाचार-विरोधी साख की सच्चाई का पता उनके कार्यालय और सरकार द्वारा बड़े उद्योगपतियों के कथित आपराधिक भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई न करने से लगाया जा सकता है.
माल्या के खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्जों की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है. सीबीआई ने ब्रिटेन की कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.
23 नवंबर 2015 को सीबीआई को ये जानकारी दी गई थी कि विजय माल्या 24 नवंबर को दिल्ली आ रहे हैं और 24 नवंबर को ही सीबीआई ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर कहा कि माल्या को हिरासत में न लिया जाए.
विजय माल्या दो मार्च 2016 को देश से भाग गया था जबकि बैंकों के समूह ने इसके चार दिन बाद उच्चतम न्यायालय से अपील की थी कि माल्या को देश से भागने से रोका जाए.
विजय माल्या के ख़िलाफ़ लुकआउट सर्कुलर को ‘हिरासत’ से बदलकर आवागमन के बारे में केवल 'सूचना' देने पर सीबीआई सूत्र ने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उस समय पर्याप्त सबूत नहीं थे.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह भी सवाल किया कि जेटली ने माल्या को ख़ुद के स्तर पर भागने देने का फैसला किया या फिर मोदी जी कहने पर ऐसा किया?