केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के प्रशासन द्वारा एक मार्च को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि आधिकारिक सूचनाओं को सार्वजनिक करने से पूर्व में विवाद खड़ा हो चुका है और इसलिए आदेश का पालन न करने वालों को दंडित किया जाएगा.
नवनिर्मित केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बौद्ध बहुल लेह जिले में भाजपा सहित सभी राजनीतिक और धार्मिक संगठनों की मांग है कि क्षेत्र को संविधान की छठी अनुसूची के तहत लाया जाए. ये समूह क्षेत्र की जनसांख्यिकी, भूमि और नौकरियों की सुरक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं.
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में भाजपा अध्यक्ष चेरिंग दोरजे ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान देशभर में फंसे हुए मरीजों, श्रद्धालुओं और छात्रों के साथ लद्दाख के करीब 20 हजार लोगों को वापस ला पाने में उनकी पार्टी और लद्दाख प्रशासन विफल रहा है.