वर्ष 1997 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ब्रू समुदाय के तक़रीबन 37 हज़ार लोग मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा के मामित, कोलासिब और लुंगलेई ज़िलों में बस गए थे. इन्हें वापस भेजने के क्रम में पिछले साल केंद्र ने त्रिपुरा के ब्रू शरणार्थी शिविरों में दी जाने वाली मुफ्त राशन की व्यवस्था रोक दी थी, जिसके बाद काफी प्रदर्शन हुआ था.
केंद्र सरकार ने बीते एक अक्टूबर को त्रिपुरा के उत्तरी ज़िलों में स्थित छह ब्रू राहत शिविरों में मुफ्त राशन और नकद सहायता रोक दी, क्योंकि शरणार्थियों ने मिज़ोरम वापस लौटने से इनकार कर दिया था. इसके बाद से शरणार्थी उत्तर त्रिपुरा ज़िले में आनंद बाजार से कंचनपुर के बीच सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं.
मिजोरम ब्रू डिस्प्लेस्ड पीपुल्स फोरम ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले महीने से राहत शिविरों के लोगों के लिए मुफ्त राशन और नकद सहायता बंद किए जाने के बाद भुखमरी से लोगों की मौत हुई है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम और सिक्किम के प्रमुख समाचार.
13 दिन पहले त्रिपुरा, मिज़ोरम, केंद्र सरकार और ब्रू समुदाय के शीर्ष संगठन मिज़ोरम ब्रू डिस्प्लेस्ड पीपुल्स फोरम के बीच हुए समझौते के बाद त्रिपुरा में बसे क़रीब 33 हज़ार ब्रू लोगों को मिज़ोरम वापस भेजने का फैसला किया गया था.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिज़ोरम और त्रिपुरा के प्रमुख समाचार.
पांचवीं बार मिज़ोरम के मुख्यमंत्री बने लल थनहवला का कहना है कि यह सिर्फ आम लोगों की बात नहीं है बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे राजनेता सभी पार्टियों में है जिन्हें भारतीयता की समझ नहीं है.