वेद प्रकाश शर्मा ने न साहित्य के सामंतों के लिए लिखा, न उनके प्रमाण पत्र की ज़रूरत समझी

लाखों प्रतियों में बिकने वाले वेद प्रकाश ही तो हमारे रोल मॉडल हैं जो यकीं दिलाते हैं कि हिंदी में लिख के भी पेट और पॉकेट दोनों भरा जा सकता है.