चुनावी बातें: देश की राजनीति में एक समय ऐसा भी था जब सादगी हमारे नेताओं के बीच एक स्थापित परंपरा हुआ करती थी.
बिहार में ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ थी. इस बार मुकेश साहनी महागठबंधन का हिस्सा हैं.
वेल्लोर सीट से डीएमके उम्मीदवार के कार्यालय से कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद मामला दर्ज हुआ, जिसके बाद राष्ट्रपति की मंज़ूरी से यहां चुनाव पर रोक लगा दी गई, वहीं त्रिपुरा में ख़राब क़ानून व्यवस्था का हवाला देते हुए मतदान टाला गया है. दोनों सीटों पर 18 अप्रैल को वोटिंग होनी थी.
एक रैली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अवैध प्रवासी दीमक की तरह हैं. वे गरीबों को मिलने वाले अनाज खा रहे हैं, हमारी नौकरियां छीन रहे हैं.
वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ जस्टिस कर्णन के चुनाव लड़ने के ऐलान समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
उत्तर प्रदेश में कैराना लोकसभा क्षेत्र के कांधला के रसूलपुर गुजरान गांव का मामला. पुलिस ने बताया कि कुछ लोग बिना पहचान पत्र के जबरन वोट डालने की कोशिश कर रहे थे.
मारे गए लोग सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी और मुख्य विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस के कार्यकर्ता थे. आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद राज्य में पहली बार लोकसभा की 25 एवं विधानसभा की 175 सीटों के लिए मतदान हुए.
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि नमो टीवी, नमो ऐप का एक फीचर है जो कि भाजपा की आईटी सेल द्वारा संचालित है.
पब्लिक डोमेन में मौजूद तमाम सूचनाएं, ये इशारा करती हैं कि प्रधानमंत्री के प्रचार तंत्र का हिस्सा नमो टीवी, अपने सिग्नल अपलिंक और डाउनलिंक करने के लिए एनएसएस-6 सैटेलाइट का इस्तेमाल कर रहा है, जबकि उसके पास इसका लाइसेंस नहीं है.
गुजरात से आख़िरी बार 1984 में मुस्लिम सांसद के रूप में कांग्रेस से अहमद पटेल लोकसभा पहुंचे थे. इससे पहले 1977 में राज्य से दो नेता- अहमद पटेल और एहसान ज़ाफ़री सांसद बने. गुजरात से एक बार में इससे ज़्यादा मुस्लिम सांसद लोकसभा नहीं पहुंचे हैं.
‘भारतीय पारदर्शिता रिपोर्ट’ के अनुसार राजनीतिक दलों ने फरवरी 2019 तक विज्ञापनों पर 3.76 करोड़ रुपये ख़र्च किए हैं. भाजपा विज्ञापनों पर 1.21 करोड़ रुपये ख़र्च करने के साथ ही इस सूची में शीर्ष पर है.
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के घोषणा पत्र पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
सड़क से संसद में मणिपुर की यात्रा के दौरान वहां के इतिहास, भूगोल और संस्कृति की झलक.
आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर क्या सोच रहे हैं उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के मुस्लिम उम्मीदवार. बता रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
असाधारण दिखना तानाशाह की मजबूरी होती है- यही बात उसकी सत्ता को वैधता देती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी असाधारण हो जाना चाहते हैं. पिछले पांच सालों में वह अनगिनत बार ख़ुद को असाधारण साबित करने की कोशिश करते रहे हैं.