रामकथा: जगबीती बन चली एक आपबीती

रामकथा का रिश्ता लोकमानस से है, उसके सुख-दुःख, आस-निरास से है. ऐसे में ‘रामकथा क्या है’ जैसे प्रश्न का उत्तर किताबों से ज्यादा लोक व्यवहारों में खोजा जाना चाहिए.