जिन्ना को आरोपों से बरी करने का वक़्त आ गया है

यह सही है कि विभाजन से भारतीय मुसलमानों का सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ, लेकिन इसके लिए जिन्ना या मुस्लिम लीग को क़सूरवार ठहराना इतिहास का सही पाठ नहीं है.

जिन्ना की तस्वीर पर विवाद बेकार का मुद्दा: एएमयू कुलपति

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक़ मंसूर ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट और साबरमती आश्रम समेत कई और जगहों पर भी जिन्ना की तस्वीर लगी है और अब तक किसी को इन तस्वीरों से कोई परेशानी नहीं हुई.

अपने-अपने जिन्ना

भारतीय राजनीति में जिन्ना के बरक्स अगर किसी दूसरे व्यक्तित्व को खड़ा किया जा सकता है तो वो हैं वीर सावरकर. संयोग नहीं है कि अपनी ज़िंदगी के पहले हिस्से की उपलब्धियों को अपनी बाद की ज़िंदगी में धो डालने वाले यह दोनों नेता विभाजन के द्विराष्ट्र सिद्धांत के पैरोकार थे.

अलीगढ़ ज़िले में इंटरनेट सेवाओं पर रोक, एएमयू में छात्रों का धरना जारी

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर हुए विवाद को देखते हुए प्रशासन ने उठाया क़दम. ज़िले में धारा 144 भी लागू.

‘एएमयू पर हमला करने वाले याद रखें कि सावरकर ने जिन्ना की मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन किया था’

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद का कहना है कि सरकार की तरह एएमयू इतिहास को अपने हिसाब से तोड़ने-मरोड़ने में विश्वास नहीं रखता.