मोदी सरकार के मंत्रियों को जूनियर डोभाल से सीख लेकर पाकिस्तान और पाकिस्तानियों के प्रति नफ़रत दिखाना बंद कर देना चाहिए.
हम भी भारत की आठवीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम एनएसए अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल द्वारा संचालित इंडिया फाउंडेशन में हितों के टकराव संबंधी रिपोर्ट पर पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी और द वायर के संपादक एमके वेणु से चर्चा कर रही हैं.
द वायर की रिपोर्ट पर इंडिया फाउंडेशन की प्रतिक्रिया बेहद असंतोषजनक है. फाउंडेशन द्वारा न तो रिपोर्ट में उठाये गये और न ही निदेशकों को भेजे गए किसी सवाल का स्पष्ट जवाब दिया गया है.
विशेष रिपोर्ट: शौर्य डोभाल द्वारा संचालित इंडिया फाउंडेशन में मोदी सरकार के मंत्री निदेशक हैं. यह संस्थान कई ऐसे कॉरपोरेट्स से चंदा लेता है, जो सरकार के साथ सौदे भी करते हैं.
भारत सरकार अब इस बात से सहमत है कि खाद्य सब्सिडी को कम से कम किया जाना होगा, इस कारण से पूरी संभावना है कि भारत में रोज़गार, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक गैर-बराबरी का दर्द अब और ज़्यादा बढ़ेगा.
जब कुछ ख़ास व्यापारिक प्रतिष्ठानों का एकाधिकार स्थापित हो जाएगा, तब क़ीमतें सरकार और किसान नहीं, बड़ी कंपनियां तय करेंगी.