सरकार द्वारा प्राइवेसी के मसले पर रद्द किए गए बल्क डेटा सौदे से जुड़ी हुई थी विदेशी कंपनी

वाहन रजिस्ट्रेशन संबंधी डेटा को लेकर भारत सरकार के साथ अनुबंध करने वाली फास्ट लेन ऑटोमोटिव ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को सूचित किए बिना जर्मनी की एक कंपनी मैनसर्व के साथ एक सब-कॉन्ट्रैक्ट किया, जिसमें 'संवेदनशील जानकारी' साझा करने की बात कही गई थी.

क़ीमत और प्राइवेसी पर विचार किए बिना सरकार ने चुपचाप निजी कंपनी को बेचा वाहन संबंधी डेटा

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निजता संबंधी चिंताओं व विभिन्न अधिकारियों की आपत्तियों को नज़रअंदाज़ करते हुए देश के कई करोड़ नागरिकों का वाहन रजिस्ट्रेशन संबंधी डेटा ऑटो-टेक सॉल्यूशंस कंपनी फास्ट लेन को बेहद कम क़ीमत पर बेचा गया, जिसके आधार पर कंपनी ने ख़ूब कमाई की.