2018 में मोदी सरकार ने गंगा की ऊपरी धाराओं पर बनी पनबिजली परियोजनाओं के लिए 20-30 फीसदी पानी छोड़ना अनिवार्य बताया था. आधिकारिक दस्तावेज़ दर्शाते हैं कि कमाई पर असर पड़ने के चलते विद्युत मंत्रालय ने मौजूदा व निर्माणाधीन परियोजनाओं में इसे लागू करने से छूट दिए जाने की बात कही थी.