श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने के लिए राज्यों से सहमति की ज़रूरत नहीं: रेलवे

इससे पहले रेल मंत्रालय द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया था कि जिस राज्य से प्रवासी चलेंगे, उस राज्य को जिस राज्य में प्रवासी लौटना चाहते हैं, उसकी सहमति लेनी होगी. रेलवे ने बताया है कि अब तक 1,600 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 21 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है.

लॉकडाउन: अब श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1200 की बजाय क़रीब 1700 यात्री होंगे सवार, तीन ठहराव होंगे

​श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 24 कोच होंगे. सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का पालन के तहत वर्तमान में हर कोच में सिर्फ 54 यात्रियों को लेकर ले जाया जा रहा है, लेकिन अब 72 सीटों पर 72 यात्री होंगे.

केंद्र ने राज्यों से कहा, प्रवासी लोगों के लिए ट्रेन या बस की सुविधा सुनिश्चित करें

इस बीच रेलवे ने दूसरे राज्यों में फंसे मज़दूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों को पूरी क्षमता के साथ चलाने को कहा है. हर ट्रेन में 24 कोच होंगे और हर कोच में 72 सीट पर 72 यात्री होंगे. वर्तमान में एक कोच में सामाजिक दूरी के नियमों के तहत हर कोच में 54 लोगों को बैठाया जा रहा था.