सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट द्वारा जारी ‘भारत के पर्यावरण की स्थिति की रिपोर्ट 2021’ के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में पलायन के लिहाज़ से भारत दुनिया का चौथा सबसे बुरी तरह प्रभावित देश बन गया है. चीन, फिलीपींस और बांग्लादेश में पिछले साल सर्वाधिक पलायन हुआ. प्रत्येक देश में 40 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
एक्शन एड इंटरनेशनल और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क साउथ एशिया की रिपोर्ट के अनुसार, पेरिस समझौते के तहत ग्लोबल वार्मिंग को दो डिग्री सेल्सियस से कम पर रोकने की राजनीतिक असफलता के कारण अकेले दक्षिण एशिया में बड़ी संख्या में विस्थापन होगा और यह क्षेत्र बाढ़, सूखा, तूफान, चक्रवात जैसी जलवायु संबंधी आपदाओं से जूझेगा.
शरणार्थियों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा कि पहले से चल रहे और हालिया संघर्ष की स्थिति तथा कोरोना महामारी के कारण 2020 में लोगों के जीवन पर बेहद गंभीर प्रभाव पड़ा. विस्थापन के लिए मजबूर हुए 7.95 करोड़ लोगों में 3.4 करोड़ बच्चे थे.
बीते दिनों नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के पुनर्वास आयुक्त ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्वीकारा कि विस्थापितों और प्रभावितों के आकलन में ‘टोपो शीट’ पर पेंसिल से निशान लगाने की पद्धति का इस्तेमाल किया गया. बोलचाल में नजरिया सर्वे कही जाने वाली इस तरकीब में अंदाज़े से डूबने वाली हर चीज और जीती-जागती इंसानी बसाहटों को चिह्नित कर विस्थापित घोषित कर दिया गया था.
चुनाव आयोग को भाजपा नेताओं के ख़िलाफ़ सबसे अधिक आचार संहिता उल्लंघन की शिकायतें मिलने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि झुग्गियों में रहने वालों से बिना सूचना दिए घर ख़ाली कराना क़ानून के विपरीत है. अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि विस्थापित लोगों का तत्काल पुनर्वास हो.
ग्राउंड रिपोर्ट: बिहार की नीतीश कुमार सरकार पटना के गर्दनीबाग में 268 एकड़ ज़मीन पर मंत्रियों, जजों और सरकारी अफ़सरों के लिए एक हज़ार से ज़्यादा आवास बनाने जा रही है.
बिहार से ग्राउंड रिपोर्ट: ‘बिहार का शोक’ कही जाने वाली कोसी नदी के तटबंधों के भीतर रहने वाले लोगों से किया वादा सरकार ने आज तक नहीं निभाया, लिहाज़ा यहां रहने वाले लोग बेहद अमानवीय परिस्थितियों में जीवन जीने को अभिशप्त हैं.
सरदार सरोवर बांध परियोजना में दशकों बाद विस्थापितों का पुनर्वास न होने और पुनर्वास में भ्रष्टाचार को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर से बातचीत.
जब आतंकवाद के चलते कश्मीर से बड़ी संख्या में हिंदू पलायन कर रहे थे तब भी कुछ परिवारों ने घाटी में रहने का फैसला किया था.
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल संघर्ष और हिंसा के चलते तकरीबन साढ़े चार लाख लोग विस्थापित हुए हैं.