जिन 26 लोगों पर से जन सुरक्षा कानून हटाया गया है उनमें से कुछ केंद्र शासित प्रदेश से बाहर उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में बंद हैं. इनमें जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नजीर अहमद रोंगा भी शामिल हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद सेंट्रल जेल में हिरासत में रखा गया है.
वार्षिक मानवाधिकार रिपोर्ट कहती है कि 662 लोगों ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दाखिल की और अपने खिलाफ लगाए गए पीएसए को रद्द करने की मांग की.
जम्मू कश्मीर के अधिकारियों ने बताया कि रिहा किए गए पांचों नेता नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के हैं, जिन्हें एहतियातन हिरासत में रखा गया था. 5 अगस्त से पूर्ववर्ती राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों- फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के साथ मुख्यधारा और अलगाववादी खेमे दोनों के सैकड़ों नेताओं को एहतियातन हिरासत में रखा है.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अगले साल के लिए घोषित सरकारी अवकाश की सूची में पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला की जयंती और शहीद दिवस को हटा दिया है, लेकिन 26 अक्टूबर जिसे ‘विलय दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है, उसे इस सूची में जगह दी गई है.
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के साथ ही वहां संचार माध्यमों पर लगी पाबंदियों को चुनौती देते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद, कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन और अन्य लोगों ने याचिकाएं दायर की थीं.
कश्मीर में लगी पाबंदी पर याचिका दाखिल करने वालों की ओर से पेश एक वकील ने प्रतिदिन हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बावजूद हांगकांग हाईकोर्ट द्वारा प्रदर्शनकारियों पर से सरकारी प्रतिबंध हटा लेने का उदाहरण दिया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों को बनाए रखने में भारत का सर्वोच्च न्यायालय कहीं अधिक श्रेष्ठ है.
संसद सत्र में फारूक अब्दुल्ला को हिस्सा लेने की इजाजत देने की विपक्ष की मांग पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान 30 सांसदों को हिरासत में रखा था. इस पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि रेड्डी की टिप्पणी इस बात की स्वीकार्यता है कि जम्मू कश्मीर आपातकाल के बुरे दौर से गुजर रहा है.
गृह मंत्रालय ने लोकसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है. हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से 4 अगस्त तक औसतन हर महीने पत्थरबाजी की 50 घटनाएं हुईं. वहीं, 5 अगस्त के बाद ऐसे मामले औसतन हर महीने बढ़कर 55 हो गए.
सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर में नाबालिगों को हिरासत में लेने, संचार माध्यमों पाबंदी लगाने जैसे कई मामलों पर दायर याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है.
सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार को चार सप्ताह के भीतर महिला को तीन लाख रुपये देने का आदेश दिया.