इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर इंडिया को यह निर्देश दिए कि इन विमान चालकों को पुराने भत्ते भी देने होंगे. एयर इंडिया ने आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए पिछले साल 13 अगस्त को 48 पायलटों को बर्ख़ास्त कर दिया था.
आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अपने कर्मचारियों को वेतन और पेंशन के रोके गए हिस्से को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करे. लॉकडाउन के दौरान सरकार ने अपने कर्मचारियों के मार्च और अप्रैल माह के वेतन और पेशन के 50 प्रतिशत हिस्से पर रोक लगा दी थी.
इन 48 पायलटों ने समय पर वेतन और भत्ते न मिलने के कारण पिछले साल इस्तीफ़ा दे दिया था, लेकिन फिर छह महीने की नोटिस अवधि के भीतर इस्तीफ़ा वापस ले लिया था. एयर इंडिया ने इन्हें बर्ख़ास्त करने के पीछे का कारण कंपनी की आर्थिक स्थिति और कोविड-19 महामारी को बताया है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड राज्य विधानसभा (सदस्य भत्ता और पेंशन) संशोधन अध्यादेश, 2020 को मंज़री दी गई. इसके तहत एक अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक मुख्यमंत्री समेत सभी विधायकों के वेतन भत्तों से 30 फ़ीसदी राशि काटी जाएगी.
एयर इंडिया ने कहा है कि जिन कर्मचारियों का कुल मासिक वेतन 25,000 रुपये से ज़्यादा है, उनके भत्तों में 50 फीसदी तक की कमी की जाएगी, हालांकि कंपनी की ओर से ये भी कहा गया है कि अन्य एयरलाइनों की तरह उसके किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी.
केंद्र सरकार द्वारा कोयले के वाणिज्यिक खनन की अनुमति के खिलाफ कोल इंडिया से जुड़े कर्मचारी संगठन दो जुलाई से तीन दिन हड़ताल पर थे. इस क़दम के साथ देश के कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया गया है.
विस्तारा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लेस्ली थेंग ने कर्मचारियों से कहा कि एयरलाइन अपने मूल नेटवर्क के 30 प्रतिशत से भी कम पर परिचालन कर रही है. कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते उसका वित्तीय प्रदर्शन प्रभावित हुआ है.
पत्रकार संगठनों ने लॉकडाउन के दौरान सभी बर्ख़ास्तगी नोटिसों को निलंबित करने, वेतन कटौती वापस लेने, बिना वेतन छुट्टी पर भेजे जाने संबंधी नोटिस निलंबित रखने का निर्देश देने के लिए एक जनहित याचिका दाख़िल की है. इसके बचाव में इंडियन न्यूज़पेपर सोसायटी और न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने हफ़लनामा दायर किया है.
ओला सीईओ ने कर्मचारियों को भेजे गए एक ईमेल में बताया है कि बीते दो महीने में लॉकडाउन के दौरान उनकी आमदनी में 95 फीसदी की गिरावट आई है. उन्होंने यह भी कहा कि कारोबार का भविष्य बेहद अनिश्चित है और इस संकट का असर लंबे समय तक रहने वाला है.
वित्तीय संकट से जूझ रही एयर इंडिया के पायलटों की यूनियनों ने सरकार से राष्ट्रीय विमानन कंपनी को वित्तीय मदद देने की मांग की है.
निजी विमानन कंपनी स्पाइसजेट के मुख्य विमान परिचालन अधिकारी ने ईमेल के ज़रिये जानकारी दी कि लॉकडाउन में जो पायलट मालवाहक विमानों से उड़ान भर रहे हैं, उन्हें उड़ान के घंटों के हिसाब से वेतन मिलेगा.
गो एयर ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी ने विमानन क्षेत्र के राजस्व पर भारी असर डाला है और इसलिए सभी कर्मचारियों के मार्च के वेतन में कटौती की जाएगी. इससे पहले शीर्ष नेतृत्व के वेतन में 50 प्रतिशत तक की कटौती की बात कही गई थी.