अंधविश्वास के दौर में श्मशान की सैर

महाराष्ट्र के एक स्कूल द्वारा अप्रत्याशित कदम उठाते हुए बच्चों को श्मशान भूमि की सैर पर ले जाया गया. इस सैर का मकसद समाज में श्मशान को लेकर फैली तमाम भ्रांतियों को मिटाते हुए बच्चों में वैज्ञानिक नज़रिया विकसित करना था.

परशुराम को इंजीनियर बताने वाले पर्रिकर बोले, मीडिया के लिए वैज्ञानिक सोच ज़रूरी

इं​जीनियर दिवस पर बोले थे, 'मेरा मानना है कि परशुराम इंजीनियरों की बिरादरी से ही रहे होंगे, जिन्होंने समुद्र से ज़मीन निकाल ली.'