पुलिस की बर्बरता से हम सभी को फ़र्क़ पड़ना चाहिए, भले ही निजी तौर पर हमारे साथ ऐसा न हुआ हो. ये हमारी व्यवस्था का ऐसा हिस्सा बन चुका है, जिसे बदलना चाहिए और पूरी ताक़त से मिलकर ज़ाहिर की गई जनभावना ही ऐसा कर सकती है.
जब विरोध होता है तो व्यवस्था की ओर से उपदेश दिया जाता है कि संवाद की स्थितियां बनानी चाहिए. यह बोझ भी प्रदर्शनकारियों पर ही डाल दिया जाता है कि वे संवाद कायम करें. क्या शोषण तर्क और संवाद के सहारे चलता है? विरोध से अराजकता फैलने का आरोप लगाते समय लोग भूल जाते हैं कि जो विरोध करने को बाध्य हुए हैं, उनके जीवन में अराजकता के अलावा शायद ही कुछ है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगामी दो दिवसीय भारत दौरे से पहले व्हाइट हाउस ने कहा है कि दुनिया अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान बनाए रखने के लिए भारत की ओर देख रही है.
मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तथा कुख्यात आतंकवादी एवं जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने पंजाब प्रांत में आतंकवाद को वित्त पोषण करने के दो मामलों में साढ़े पांच साल-साढ़े पांच साल कैद की सजा सुनाई और 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया. दोनों मामलों की सजा साथ साथ चलेंगी.
बीते तीन जुलाई को प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के हाफ़िज़ सईद सहित संगठन के 13 लोगों पर आतंक रोधी अधिनियम के तहत आतंकी वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग के कई केस दर्ज किए गए थे.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में जघन्य और कायरान तरीके से हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें भारत के अर्धसैनिक बल के 40 जवान शहीद हो गए थे और इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एडवाइज़री जारी करते हुए कहा था है कि आतंकवाद के चलते पाकिस्तान जाने से पहले दोबारा सोचें अमेरिकी नागरिक.
भारत के ज़्यादातर पत्रकार आज़ाद नहीं हैं बल्कि मालिक के अंगूठे के नीचे दबे हैं. वह मालिक, जो राजनेताओं के सामने दंडवत रहता है.
व्हाइट हाउस ने कहा, ट्रंप की मनोचिकित्सा जांच नहीं होगी, ट्रंप ने किताब को बताया झूठ का पुलिंदा.
सीएनएन, बीबीसी, न्यूयॉर्क टाइम्स और द डेली मेल समेत उन मीडिया संस्थानों को प्रेस कांफ्रेंस से बाहर रखा गया जो अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रति आलोचनात्मक रवैया रखते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की बातचीत से यह स्पष्ट हो गया है कि ट्रंप को अलग फिलिस्तीनी राज्य से परहेज है.