संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत यांगी ली ने कहा कि जब तक कोई भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण सबूतों को परख नहीं लेता, तब तक हम निश्चित तौर पर नरसंहार की घोषणा नहीं कर सकते, लेकिन हमें संकेत नज़र आ रहा है.
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग ने कहा, म्यांमार में हिंसा के कारण बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या शरणार्थियों को मदद की सख़्त ज़रूरत है.