पहलगाम से नेशनल कॉन्फ्रेंस के पूर्व विधायक अल्ताफ़ अहमद वानी ने बताया कि एक पारिवारिक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए उन्हें दुबई की फ्लाइट में चढ़ने से रोक दिया गया. गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि कश्मीर नेताओं की विदेश यात्रा पर लगे प्रतिबंध की दुर्भाग्य से केंद्रशासित प्रशासन द्वारा समीक्षा नहीं की गई थी, मगर अब की जा रही है.
शाह फ़ैसल ने जनवरी 2019 में सरकारी सेवा से इस्तीफ़ा देकर दो महीने बाद मार्च महीने में जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी का गठन किया था. बीते सोमवार को उन्होंने इस पार्टी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया.
जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि जब तक अध्यक्ष पद के लिए औपचारिक चुनाव नहीं हो जाते, तब तक पार्टी के उपाध्यक्ष फ़िरोज़ पीरज़ादा को सर्वसम्मति से अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करने का फ़ैसला किया गया है.
पिछले साल पांच अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के कुछ दिन बाद शाह फैसल को हिरासत में ले लिया गया था.
जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटने के बाद से पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जम्मू कश्मीर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैफ़ुद्दीन सोज़ नज़रबंद हैं. उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में आरोप लगाया कि उनके पति को पीएसए के तहत घर में ही नज़रबंद करने की वजह आज तक नहीं बताई गई हैं.
भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफा देने के बाद जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी का गठन करने वाले शाह फैसल जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से नज़रबंदी में हैं और उन पर इस साल फरवरी में जन सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई थी.
पुलिस ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेशों दमन एवं दीव और दादरा एवं नगर हवेली की सीमा अंतर्गत आने वाले मोती दमन पुलिस थाने में 21 अप्रैल को पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन के खिलाफ महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
पुलिस ने आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत भी मामला दर्ज किया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किया जा चुका है.
पूर्व नौकरशाह और कश्मीरी नेता शाह फैसल को अगस्त 2019 में दिल्ली हवाईअड्डे पर उड़ान भरने से रोके जाने के बाद श्रीनगर ले जाया गया था, तब से वे हिरासत में हैं. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने उनकी हिरासत को सही ठहराते हुए कहा था कि उन्होंने देश की संप्रभुता और अखंडता के ख़िलाफ़ श्रीनगर हवाई अड्डे पर जमा लोगों को भड़काया था.
जम्मू कश्मीर में लगी पाबंदियों को लेकर इस्तीफा देने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि आरोपपत्र में उन्हीं आरोपों को शामिल किया गया है, जो इस्तीफा देने के दो महीने बाद विभागीय जांच के लिए भेजे गए ज्ञापन में थे.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म करने और दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद यहां के साढ़े चार सौ से अधिक कारोबारियों, पत्रकारों, वकीलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की एक सूची तैयार की है, जिनके विदेश जाने पर रोक लगाई गई है. प्रशासन ने किसी भी व्यक्ति को नहीं बताया है कि यह प्रतिबंध कब तक रहेगा.
जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शेहला राशिद पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फ़ैसल की पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) से इसी साल मार्च में जुड़ी थीं. राशिद का कहना है कि वह कार्यकर्ता के तौर पर काम करना जारी रखेंगी.
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी के अधिकारियों ने कहा कि कन्नन गोपीनाथन के दौरे की पूर्व सूचना नहीं दी गई थी और वे आवेदन मांगकर विश्वविद्यालय केवल प्रक्रियाओं का पालन कर रहे थे.
कश्मीर प्रेस क्लब ने पत्रकारों और मीडिया संगठनों के लिए इंटरनेट और टेलीफोन सुविधा बहाल करने की मांग करते हुए प्रशासन द्वारा कुछ पत्रकारों से सरकारी आवास खाली करने के आदेश की आलोचना की है.
वीडियो: जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म किए जाने के बाद वहां के तमाम नेताओं को हिरासत में रखा गया है. द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने श्रीनगर स्थित सैंटोर होटल में नज़रबंद सज्जाद लोन, इमरान अंसारी, उमर अब्दुल्ला के सलाहकार तनवीर सादिक़ और शाह फ़ैसल से बातचीत की.