2020-21 में सरकारी उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचकर सरकार ने 32,835 करोड़ रुपये जुटाए

अगले वित्त वर्ष में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ लाने की सरकार की योजना है. इसके अलावा एयर इंडिया, बीपीसीएल, पवन हंस, बीईएमएल, एनआईएनल और शिपिंग कॉरपोरेशन के निजीकरण की प्रक्रिया भी दूसरे चरण में पहुंच गई है. इन उपक्रमों के लिए सरकार को कई रुचि पत्र मिले हैं.

सरकारी कंपनियों के विनिवेश के बाद निजी क्षेत्र को आरक्षण लागू नहीं करना होगा: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र का मानना है कि सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के बाद नौकरी में आरक्षण लागू करने की न तो जरूरत है और न ही यह क़ानूनी रूप से संभव है. हालांकि सरकार ने कहा है कि वे इन कंपनियों में एससी, एसटी, ओबीसी समेत पूर्ववर्ती कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.

क्या 2021 का बजट भारत को विकास की पटरी पर वापस ला सकता है

सरकार उम्मीद कर रही है कि भौतिक ओर सामाजिक- दोनों की तरह के बुनियादी ढांचे पर उसके द्वारा किया जाने वाला बड़ा खर्च नई आय पैदा करेगा, जिससे ख़र्च भी बढ़ेगा. पूंजीगत ख़र्चे में इस बढ़ोतरी का लाभ 4-5 साल में दिखेगा, बशर्ते इसका अमल सही हो.

एनडीटीवी के प्रवर्तक सेबी द्वारा 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश के ख़िलाफ़ अपील करेंगे

पूंजी बाज़ार नियामक सेबी ने एनडीटीवी के प्रवर्तक प्रणय और राधिका रॉय और प्रवर्तक समूह कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड कुछ क़र्ज़ समझौतों के बारे में शेयरधारकों से कथित तौर पर खुलासा नहीं किए जाने के कारण 27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.

सेबी ने इनसाइडर ट्रेडिंग के लिए एनडीटीवी के प्रमोटरों पर दो साल की रोक लगाई

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रणय और राधिका रॉय को 12 साल पहले इनसाइडर ट्रेडिंग गतिविधियों से अवैध तरीके से कमाए गए 16.97 करोड़ रुपये लौटाने को भी कहा है.

सरकार अर्थव्यवस्था के बजाए राजनीतिक, समाजिक एजेंडे पर ज्यादा ध्यान दे रही: रघुराम राजन

भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की टिप्पणी इस संबंध में महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.7 प्रतिशत रही जो करीब सात साल का न्यूनतम स्तर है.

देश की आर्थिक वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में घटकर 4.7 प्रतिशत रही

कांग्रेस ने मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर के 4.7 फीसदी रहने को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि आंकड़ों से स्पष्ट है कि ‘करो-ना’ वायरस ने इस सरकार को पंगु बना दिया है.

अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक, हालिया जीडीपी आंकड़े पूरी तरह अस्वीकार्य: मनमोहन सिंह

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रहने को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नाकाफ़ी बताया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है लेकिन हमारे समाज की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है.

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रही आर्थिक वृद्धि दर, छह साल में सबसे कम

एनएसओ द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में गिरावट और कृषि क्षेत्र में पिछले साल के मुकाबले कमज़ोर प्रदर्शन से वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रह गई. बीते वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह सात प्रतिशत थी.

एनडीटीवी प्रमोटर्स को पूंजी बाज़ार से प्रतिबंधित करने के सेबी के आदेश पर लगी रोक

बीते 14 जून को सेबी ने आदेश पारित करते हुए एनडीटीवी के तीन प्रवर्तकों को दो साल के लिए पूंजी बाज़ार से प्रतिबंधित कर दिया था. साथ ही इस अवधि के दौरान प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर कंपनी के बोर्ड में या शीर्ष प्रबंधन स्तर पर बने रहने पर भी रोक लगाई गई थी. प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण ने सेबी के इस आदेश पर रोक लगा दी.

सेबी ने प्रणय और राधिका रॉय को एनडीटीवी में शीर्ष प्रबंधकीय पदों पर बने रहने पर लगाई पाबंदी

एनडीटीवी के एक शेयर होल्डर क्वांटम सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से साल 2017 में की गई शिकायत के बाद सेबी ने यह रोक लगाई है. इसके साथ ही एनडीटीवी प्रमोटर्स प्रणय रॉय और राधिका रॉय को पूंजी बाजार में दो साल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. दोनों ने सेबी के आदेश को कानून और तय प्रक्रिया के खिलाफ बताते हुए अदालत में चुनौती देने का फैसला किया है.

यूनियन बैंक समेत तीन बैंकों पर आरबीआई ने लगाया 1-1 करोड़ रुपये का जुर्माना

रिज़र्व बैंक ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर यह जुर्माना धोखाधड़ी पकड़ने में देरी और समय पर इसके बारे में जानकारी न देने के चलते लगाया है.

ये मोदी सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन का नतीजा है कि हमारा रुपया लुढ़क रहा है

अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले भारतीय रुपया तेजी से कमज़ोर हो रहा है. इसके तमाम बाह्य कारण भी हैं लेकिन पिछले चार सालों के दौरान बेहतर परिस्थितियों का फ़ायदा न उठा पाने और हर बात के लिए पिछली सरकार के करे-धरे को ज़िम्मेदार ठहराने की प्रवृति के चलते अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब हुई है.

‘मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह से फेल हुई है’

वीडियो: डॉलर के मुकाबले रुपये में आई ऐतिहासिक गिरावट और नोटबंदी के एक साल बाद स्विस बैंक में जमा भारतीयों के पैसे में 50 प्रतिशत के इज़ाफ़े पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.

मोदी के राज में रुपया मनमोहन के राज से भी कमज़ोर हो चुका है

अब तक भारतीय रुपये का रिकॉर्ड 28 अगस्त 2013 का बताया जाता है जब एक डॉलर की कीमत 68 रुपये 83 पैसे हो गई थी. बुधवार को यह 68 रुपये 63 पैसे हो गई. आज 69 रुपया हो गया है.