दिल्ली पुलिस के 10 एसएचओ द्वारा मध्य दिल्ली में प्रवासियों के लिए बनाए गए आश्रय गृहों का दौरा कर तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते लोग यहां रहना नहीं चाहते हैं.
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के आश्रय घरों में रहने वाली लड़कियों को सज़ा के तौर पर उनके प्राइवेट पार्ट में मिर्ची डालने, शरीर पर खौलता पानी फेंकने और खाना न देने जैसे कई गंभीर मामले सामने हैं.
आरोप है कि ये महिलाएं गलती करने पर शेल्टर होम में रह रही 6 से 15 साल की बच्चियों कठोर दंड देती थीं. सज़ा के तौर पर उन्हें सुबह-सुबह ठंडे पानी से नहलाया जाता था और प्रावइेट पार्ट्स में मिर्ची पाउडर डाल दिया जाता था.
पुलिस आश्रय गृह चलाने वाले एनजीओ के सचिव चितरंजन कुमार और कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल को गिरफ़्तार करने के साथ एनजीओ की कर्मचारी रेणु सिन्हा और अन्य दो को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
उत्तर प्रदेश के देवरिया शहर में बीते पांच अगस्त को एक बालिका गृह में कथित तौर पर देह व्यापार होने का खुलासा हुआ था. मान्यता निरस्त होने के बाद भी बंद नहीं किया गया था. शिकायत करने वाली लड़की ने बताया कि एक दीदी को गाड़ी चार बजे ले जाती थी और वह सुबह वापस लौटती थीं.