केंद्र सरकार ने देश के हर स्कूल में लड़के और लड़कियों के लिए अलग शौचालयों के निर्माण के लिए स्वच्छ विद्यालय योजना शुरू की थी. लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार बीते सालों में दिल्ली, चंडीगढ़ और लक्षद्वीप में अभियान के तहत एक भी शौचालय का निर्माण नहीं किया गया.