देश के 42 हज़ार सरकारी स्कूलों में पेयजल सुविधा का अभाव, 15 हज़ार में शौचालय नहीं: केंद्र

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली के आंकड़ों के हवाले से संसद में बताया कि जिन 42,074 स्कूलों में पेयजल की सुविधा नहीं है, उनमें सर्वाधिक 8,522 असम में हैं. लड़के और लड़कियों के लिए अलग शौचालय न होने के मामले में भी असम पहले नंबर पर है.

उत्तर प्रदेश: सेप्टिक टैंक के लिए खोदे गड्ढे में गिरे किशोर को बचाने की कोशिश में पांच की मौत

घटना आगरा ज़िले के फतेहाबाद में हुई, जहां एक किशोर सेप्टिक टैंक के लिए बनाए गए गड्ढे में गिर गया था, जिसे बचाने के लिए उसके तीन भाइयों समेत चार लोग गड्ढे में उतरे और बेहोश हो गए. जिला प्रशासन के अनुसार मौत की वजह टैंक से निकलने वाली ज़हरीली गैस हो सकती है.

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए स्वच्छ भारत अभियान के बजट में सीधे 43 फ़ीसदी की कटौती

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में स्वच्छ भारत अभियान के लिए उतनी ही राशि आवंटित की गई है, जितनी पिछले साल की गई थी. स्वच्छ भारत अभियान- शहरी के तहत 2,300 करोड़ रुपये और ग्रामीण के तहत 9,994 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह बीते तीन साल के बजट की तुलना में सबसे कम है.

‘खुले में शौच से मुक्त’ राजस्थान में पीएम आवास योजना में बने 50 फीसदी घरों में शौचालय नहीं: कैग

कैग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राजस्थान में प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के तहत बने क़रीब 61 फीसदी घरों में बिजली का कनेक्शन और लगभग 33 फीसदी घरों में एलपीजी कनेक्शन नहीं है.

उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं खस्ताहाल, बिना बिजली-पानी के चल रहे हैं अस्पताल

लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार देश भर में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है. कई राज्यों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सकों की कमी से जूझते हुए बिजली, पानी, शौचालय आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं के बगैर काम कर रहे हैं.

स्वच्छ भारत अभियान के दावों पर सवालिया निशान खड़ी करती एनएसओ की रिपोर्ट

ये सर्वेक्षण जुलाई 2018 से दिसंबर 2018 के बीच में कराया गया था. स्वच्छ भारत मिशन डेटाबेस के मुताबिक उस समय तक भारत के 95 फीसदी घर खुले में शौच से मुक्त हो चुके थे. हालांकि एनएसओ सर्वे में पाया गया कि सिर्फ 71 फीसदी घर ही खुले में शौच से मुक्त हो पाए थे.

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देश के खुले में शौच से मुक्त होने का दावा विश्वसनीय नहीं है

आंकड़े दिखाते हैं कि किसी क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने में सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हुआ है.

खुले में शौच मुक्त घोषित होने के बावजूद गुजरात में लाखों शौचालयों की ज़रूरत: आरटीआई

केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में लोकसभा को बताया था कि गुजरात सहित 11 राज्यों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत ओडीएफ घोषित किया गया है.

सीवर में श्रमिकों की मौत असल में सरकार और ठेकेदारों द्वारा की गई हत्याएं हैं: बेज़वाड़ा विल्सन

देश में मैला ढोने वाले सफाई कर्मचारियों की स्थिति पर सफाई कर्मचारी आंदोलन के समन्वयक मैगसेसे पुरस्कार विजेता बेज़वाड़ा विल्सन का नज़रिया.

बिहार: शौचालय की टंकी खोलने के दौरान दम घुटने से 4 मजदूरों की मौत, एक की स्थिति गंभीर

सुपौल जिले के सिमरिया गांव में हुआ हादसा, डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय से बंद शौचालय की टंकी में बनी जहरीली गैस के चलते हुई मज़दूरों की मौत.

‘जब तक जातिवाद का सफाया नहीं होगा तब तक स्वच्छ भारत की बात भी कैसे हो सकती है’

वीडियो: मैला ढोने के कार्य से जुड़े श्रमिकों की वर्तमान स्थिति और पुनर्वास पर सफाई कर्मचारी आंदोलन के समन्वयक और मैगसेसे पुरस्कार विजेता बेज़वाड़ा विल्सन से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.

स्वच्छ भारत अभियान का सरकारी जुनून राजस्थान के ग्रामीणों पर भारी पड़ रहा है

राजस्थान के एक गांव में प्रशासन ने फरमान जारी किया है कि जो भी अपने घर में शौचालय होने का प्रमाण नहीं दे पाएगा, उसे राशन भी नहीं दिया जाएगा.

महिलाओं को शौच के लिए रात का इंतज़ार करना पड़ता है, यह क्रूरता है: कोर्ट

राजस्थान के भीलवाड़ा ज़िले की एक फैमिली कोर्ट ने ससुराल में शौचालय नहीं होने पर महिला की तलाक़ की अर्ज़ी मंज़ूर कर ली.

छत्तीसगढ़ में महिलाओं की शिकायत, चोरी हुआ शौचालय

बिलासपुर जिले में महिलाओं ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत ने कागज़ों में शौचालयों का निर्माण कराया और अवैध तरीके से राशि भी निकाल ली, जिस पर पुलिस ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है.