झारखंड के एक प्रवासी मज़दूर और राज्य के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एपी सिंह की बातचीत का कथित ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि अधिकारी का कहना है कि यह बात उन्होंने दूसरे संदर्भ में कही थी.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि राज्य ट्रेनों में सवार ग़रीब मज़दूरों के जीवन की रक्षा करने में विफल रहे हैं. आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव, रेलवे और गुजरात और बिहार की सरकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में विस्तृत जवाब देने को कहा है.
ये नौ मौतें उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली अलग-अलग ट्रेनों में हुईं. रेलवे की ओर से कहा गया है कि अधिकतर मौतों के मामले में मृतक पहले से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना कर रहे थे.
वीडियो: सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में मुज़फ़्फ़रपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर महिला का शव के पास एक बच्चा नज़र आता है. अहमदाबाद से बिहार आ रही श्रमिक ट्रेन में सवार इस महिला के परिजनों का आरोप है कि खाने-पीने को न मिलने से तबियत ख़राब होने के बाद उनकी मौत हो गई. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
बिहार के भागलपुर ज़िले के नवगछिया क़स्बे में हुआ हादसा. ये प्रवासी मज़दूर बेंगलुरु से विशेष श्रमिक ट्रेन से आए थे और आगे के सफ़र के लिए एक ट्रक पर चढ़े थे.
सोमवार को अहमदाबाद में घर लौटने की मांग को लेकर लगभग सौ मज़दूर सड़कों पर उतर आए और पथराव व तोड़-फोड़ की. इससे पहले रविवार को राजकोट में कामगारों ने गृह राज्य भेजने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें एसपी समेत तीन पुलिसकर्मी और एक पत्रकार घायल हुए हैं.