सूचना आयुक्त दिव्य प्रकाश सिन्हा ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि आयोग मामले में भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में सहमत है और सूचना देने से इनकार के लिए आरटीआई कानून की धारा 24 का सहारा नहीं लिया जा सकता है.
एक आरटीआई के जवाब में केंद्र सरकार ने बताया कि मुख्य सतर्कता आयुक्त/सतर्कता आयुक्तों के ख़िलाफ़ मिलीं आपत्तियों और शिकायतों से निपटने के लिए दिशानिर्देश तय करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. हाल ही में सीवीसी केवी चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
बीते अक्टूबर में केंद्रीय सूचना आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय को 2014 से 2017 के बीच केंद्रीय मंत्रियों के ख़िलाफ़ मिली भ्रष्टाचार की शिकायतों, उन पर की गई कार्रवाई और विदेश से लाए गए कालेधन के बारे में जानकारी देने का आदेश दिया था.
सीआईसी ने ये भी आदेश दिया है कि पीएमओ इस जानकारी का खुलासा करे कि मोदी सरकार में विदेश से कितना कालाधन लाया गया और इसका कितना हिस्सा भारतीय नागरिकों के बैंक खातों में डाला गया.
भारतीय वन सेवा के अधिकारी और ह्विसिलब्लोअर के अनुसार, भ्रष्टाचार के मामलों में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.