उत्तराखंड: प्लेटफॉर्म पर रेलवे स्टेशनों के नाम उर्दू की जगह अब संस्कृत में लिखे जाएंगे

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि प्लेटफॉर्म के साइन बोर्ड में रेलवे स्टेशनों का नाम हिंदी और अंग्रेज़ी के बाद संबंधित राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा में लिखा होना चाहिए. उत्तराखंड की दूसरी आधिकारिक भाषा संस्कृत है.

भाजपा सांसद ने कहा, संस्कृत बोलने से मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल कम होता है

भाजपा सांसद गणेश सिंह ने लोकसभा में संस्कृत केंद्रीय विश्वविद्यालय विधेयक 2019 पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि अमेरिका आधारित एक शिक्षण संस्थान के अनुसंधान के अनुसार रोजाना संस्कृत भाषा बोलने से तंत्रिका तंत्र मजबूत होता है.

एलिसन बुश के स्नेह ने यह विश्वास दिलाया कि अब भी इस संसार में मन से रिश्ते बन सकते हैं

कोलंबिया यूनिवर्सिटी में हिंदी साहित्य पढ़ाने वाली प्रोफेसर एलिसन बुश बीते दिनों कैंसर से लड़ते हुए ज़िंदगी की लड़ाई हार गईं. हिंदी साहित्य में पीएचडी करने वाली बुश ने अपनी 'पोएट्री ऑफ किंग्स' नाम की किताब में रीतिकालीन साहित्य पर नए ढंग से विचार किया था.

राम सेतु, गीता, संस्कृत और आयुर्वेद जैसे विषयों पर अनुसंधान करें इंजीनियर: एचआरडी मंत्री

एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आईआईटी खड़गपुर के 65वें दीक्षांत समारोह में कहा कि हिमालय ‘नीलकंठ’ की तरह सारा विष पीकर विकसित देशों के प्रदूषण से पर्यावरण को बचा रहा है. इससे पहले आईआईटी बॉम्बे के दीक्षांत समारोह में निशंक ने कहा था कि परमाणु और अणु की खोज चरक ऋषि ने की थी.

उत्तर प्रदेश में प्रेस विज्ञप्तियां कैसे करेंगी संस्कृत का उत्थान?

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार संस्कृत के उत्थान के लिए सचमुच फिक्रमंद होती तो संस्कृत में प्रेस विज्ञप्तियां जारी करने के अपने फैसले पर अमल से पहले उन कारणों का गंभीरतापूर्वक अध्ययन करवाती, जिनके चलते संस्कृत अपने लोक से लगातार कटती गई है.

उत्तर प्रदेश: संस्कृत में भी जारी होंगी सरकारी विज्ञप्तियां और मुख्यमंत्री के भाषण

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि उनके भाषण और मीडिया को दिए जाने वाले संदेश हिंदी, अंग्रेज़ी के अलावा संस्कृत में भी तैयार किए जाएं और इसके लिए भाषा विशेषज्ञ रखे जाएं.

क्यों यूपी विधानसभा में उर्दू में शपथ लेना अवैध है और संस्कृत में वैध?

संस्कृत हिंदू धर्म ग्रंथों की भाषा है, इसीलिए भाजपा का उससे कुछ अधिक ही लगाव है. यह अलग बात है कि इस भाषा की समृद्ध साहित्यिक-दार्शनिक विरासत से उसका कोई ख़ास परिचय नहीं है.