जलगांव ज़िले के यवल रोड में दुर्घटना रविवार देर रात हुई, जहां फल से भरे एक ट्रक में इक्कीस मज़दूर भी सवार थे. बताया जा रहा है कि सड़क पर गड्ढों की वजह से ट्रक ने नियंत्रण खो दिया और पलट गया.
घटना सूरत से करीब 60 किलोमीटर दूर कोसांबा गांव के पास मंगलवार तड़के हुई, जहां एक ट्रैक्टर से टकराने के बाद बेक़ाबू हुआ ट्रक फुटपाथ पर सो रहे मज़दूरों पर चढ़ गया. मारे गए सभी मज़दूरों में से एक को छोड़कर बाकी सभी राजस्थान के रहने वाले थे.
एक दुर्घटना में जालौन के गिर थान के पास ट्रक ने मेटाडोर को टक्कर मारी, जिसमें एक महिला सहित दो मज़दूरों की मौत हुई. दूसरी घटना में लखनऊ-बहराइच राजमार्ग पर एक मेटाडोर अनियंत्रित होकर पलट गई, जिसमें एक मज़दूर की मौत हो गई.
इस समूह में चल रहे एक श्रमिक ने बताया कि करीब 12 लोगों ने दो दिन पहले लुधियाना से पैदल ही यात्रा शुरू की थी क्योंकि वे रेलवे की विशेष ट्रेन के लिए पंजीकरण नहीं करा पाए थे.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ हादसा. पुलिस ने बताया कि बीते पांच मई को दिल्ली से आठ मज़दूर साइकिल से बिहार जाने के लिए निकले थे और नौ मई को वे लखनऊ पहुंचे थे.
मामला मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले का है. जिलाधिकारी दीपक सक्सेना ने बताया कि आम से लदा ट्रक हैदराबाद से आगरा जा रहा था. इसमें चालक और सहचालक समेत कुल 18 लोग सवार थे.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रह रहे मज़दूर 750 किलोमीटर दूर छत्तीसगढ़ के बेमेतरा ज़िले के रहने वाले थे. लॉकडाउन की वजह से बेरोज़गार हो गए थे.
कोरोना वायरस के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन से बेरोज़गार हुए ये मज़दूर सरकार द्वारा बसों से राजस्थान के जैसलमेर शहर से मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर लाए गए थे.
केंद्र द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल जनवरी से सितंबर की तुलना में इस साल सितंबर तक सड़क हादसों में 2.2 प्रतिशत की कमी आई है लेकिन इन हादसों में मरने वालों की संख्या 0.2 प्रतिशत बढ़ गई है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 में देश में सड़क दुर्घटनाओं में तक़रीबन 1.50 लाख लोग, 2017 में 1.47 लाख लोग और साल 2018 में 1.51 लाख लोग मारे गए.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुआ हादसा. वैष्णो देवी से दर्शन कर लौट रहे सभी यात्री शुक्रवार सुबह ज़िले के नरौरा स्थित गांधी गंगा घाट पहुंचे थे और आराम करने के लिए सड़क किनारे सो गए थे. सभी मृतक एक ही परिवार हैं.
कर्नाटक के तीन उप-मुख्यमंत्रियों में से एक गोविंद करजोल ने कहा कि अच्छी सड़कें होने के कारण बड़ी दुर्घटनाएं होती हैं, जहां लोग 120 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मोटर वाहन अधिनियम में हुए संशोधन के बाद निर्धारित जुर्माना राशि घटा दी है. इसके बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जुर्माने का उद्देश्य राजस्व नहीं बल्कि ज़िंदगियां बचाना है.
मोटर ह्वीकल संशोधन विधेयक में नाबालिगों द्वारा किए गए अपराधा के लिए अब अभिभावक या वाहन मालिक को दोषी माना जाएगा. इसके लिए 25 हज़ार रुपये का जुर्माना या तीन साल की जेल की सज़ा का प्रावधान किया गया है.
अंतरराष्ट्रीय सड़क संगठन के अनुसार, दुनिया भर में वाहनों की कुल संख्या का महज़ तीन प्रतिशत हिस्सा भारत में है, लेकिन यहां होने वाले सड़क हादसों और इनमें जान गंवाने वालों के मामले में भारत की हिस्सेदारी 12.06 प्रतिशत है.