लॉकडाउन में श्रमिकों की समस्याओं का सरकार शीघ्र समाधान करे: मेधा पाटकर

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा कस्बे के निकट विरोध प्रदर्शन किया.

सरदार सरोवर: सरकारी आकलन से कहीं ज़्यादा है बाढ़ और डूब के प्रभावितों की संख्या

बीते दिनों नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के पुनर्वास आयुक्‍त ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्‍वीकारा कि विस्‍थापितों और प्रभावितों के आकलन में ‘टोपो शीट’ पर पेंसिल से निशान लगाने की पद्धति का इस्‍तेमाल किया गया. बोलचाल में नजरिया सर्वे कही जाने वाली इस तरकीब में अंदाज़े से डूबने वाली हर चीज और जीती-जागती इंसानी बसाहटों को चिह्नित कर विस्‍थापित घोषित कर दिया गया था.

गुजरात: सरदार सरोवर का जलस्तर बढ़ने से नर्मदा में बाढ़, करीब चार हज़ार लोगों को निकाला गया

सरदार सरोवर बांध से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की वजह से नर्मदा का जलस्तर 31 फुट से ऊपर पहुंच चुका है, जो ख़तरे के निशान से तीन फुट ज़्यादा है.

सरदार सरोवर बांध: लोगों का पुनर्वास करने की जगह उन्हें डुबाने पर क्यों अमादा है सरकार?

सरदार सरोवर बांध में बारिश का पानी भरने से मध्य प्रदेश में नर्मदा घाटी में बसे 192 गांव और एक कस्बे के डूबने का ख़तरा है. इससे लगभग 32 हज़ार लोग प्रभावित होंगे. सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों के बावजूद यहां रहने वाले लोग आज भी पुनर्वास का बाट जोह रहे हैं.

मध्य प्रदेश के बाढ़ प्रभावितों के उचित पुनर्वास को लेकर मेधा पाटकर ने सत्याग्रह शुरू किया

नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर ने मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के छोटा बड़दा गांव में यह अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया है. पाटकर ने कहा कि पुनर्वास का मतलब प्रभावित परिवार को सिर्फ मुआवज़ा देना नहीं बल्कि उन्हें आजीविका भी दी जानी चाहिए.

सरदार सरोवर: बढ़ता जलस्तर, ख़तरे में ज़िंदगियां

नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर घटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने आए मध्य प्रदेश के ग्रामीणों और नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं से संतोषी मरकाम की बातचीत.

गुजरात: किसानों को सिंचाई के लिए मिलना बंद हुआ नर्मदा का पानी

सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड के एक अधिकारी ने बताया कि गुजरात के लिए बेहद महत्वपूर्ण बांध का जलस्तर 105.50 मीटर के बहुत नाजुक स्तर पर पहुंच गया है.

गुजरात के चार ज़िलों के किसानों को सिंचाई के लिए नहीं मिलेगा नर्मदा का पानी

गुजरात की भाजपा सरकार ने 15 फरवरी से राज्य के चार ज़िलों- सुरेंद्रनगर, बोताड, भावनगर और अहमदाबाद में नर्मदा के पानी पर रोक लगाई. इससे पहले यह समयसीमा 15 मार्च थी.

चुनाव सुधारों की मांग को जनांदोलन बनाने का समय आ गया है: मेधा पाटकर

मेधा ने कहा कि जिन लोगों ने संविधान की शपथ ली है ,वे ही संविधान के मूल्यों के खिलाफ काम कर रहे हैं. ऐसे में जनांदोलनों से जुड़े लोगों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है.

सरदार सरोवर बांध पुनर्वास में सारे ठेके भाजपा के लोगों को मिले: मेधा पाटकर

सरदार सरोवर बांध परियोजना में दशकों बाद विस्थापितों का पुनर्वास न होने और पुनर्वास में भ्रष्टाचार को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर से बातचीत.

‘सरकार ने नर्मदा घाटी के साथ बहुत बुरा किया, जनता का राज है और जनता को ही खतम ​कर दिया’

ग्राउंड रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में सरदार सरोवर बांध के डूब में समा रहे भादल गांव के एक बुजुर्ग आदिवासी पुस्लिया पटेल की व्यथा.

‘इस ज़मीन पर हमारा हक़ है, हम यहीं रहेंगे, सरकार ज़मीन नहीं देगी तो यहीं पर मरेंगे’

ग्राउंड रिपोर्ट: सरदार सरोवर बांध के पानी में डूब रहे मध्य प्रदेश के भादल गांव के ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने बांध में पानी छोड़ दिया लेकिन हमें कहीं नहीं बसाया.

सरदार सरोवर बांध का लोकार्पण राजनीतिक लाभ के लिए किया गया है: मेधा पाटकर

प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, ‘प्रभावित लोगों को न्याय दिलाने के लिए नए सिरे से आंदोलन शुरू करने के बारे में विचार करूंगी.’

क्या मोदी को सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन करते वक़्त विस्थापितों की याद आई होगी?

जिस नर्मदा पर बने बांध का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया, उसी नदी में अपने पुनर्वास को लेकर मध्य प्रदेश के सैकड़ों लोग जल सत्याग्रह कर रहे हैं.

सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र से सिर्फ 300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

सूत्रों के मुताबिक बांध परियोजना से विस्थापित होने वाले हज़ारों लोग इस नदी के किनारों की अपनी मूल बसाहटों में अब भी डटे हैं.