यूनिसेफ की ओर से कहा गया है कि साबुन से हाथ न धोने से लाखों लोगों को कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों का ख़तरा है. मध्य और दक्षिण एशिया में 22 प्रतिशत लोग यानी 15.3 करोड़ लोगों के पास हाथ धुलाई की सुविधा का अभाव है.
वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैलुएशन के शोधकर्ताओं के अनुसार, भारत, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नाइजीरिया, इथियोपिया, कांगो और इंडोनेशिया में से हर एक देश में पांच करोड़ से अधिक लोगों के पास हाथ धोने की सुविधा नहीं है.
गोसंरक्षण समितियां गोशालाओं का सुचारु संचालन सुनिश्चित करेंगी और बायोगैस, कम्पोस्ट, पंचगव्य से बनाए जाने वाले पदार्थों आदि के उत्पादन-विक्रय में सहायता प्रदान करेंगी.
गुजरात से दस ज़िलों के दलित-आदिवासी कार्यकर्ता योगी आदित्यनाथ को महात्मा बुद्ध का संदेश देने आ रहे थे, झांसी में यूपी पुलिस ने उन्हें रोक लिया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सवा क्विंटल का साबुन देने आ रहे 45 गुजराती दलित-आदिवासी कार्यकर्ताओं को यूपी पुलिस ने झांसी में रोककर हिरासत में ले लिया. हिरासत में लिए गए लोगों में दलित और आदिवासी समाज के लोग हैं, जिनमें आठ महिलाएं भी हैं. गुजरात के दस ज़िलों के दलित-आदिवासी सामाजिक
यूपी में योगी के दौरे से पहले मुसहर समुदाय के लोगों को साबुन व शैम्पू बांटे गए ताकि सीएम से मिलने के लिए वे नहाकर आएं. कवि असंग वानखेड़े ने इसके जवाब में एक कविता लिखी.
सीएम योगी के दौरे के पहले सार्वजनिक रूप से एक समुदाय पर ‘गंदगी और प्रदूषण’ का विचार आरोपित किया गया, जबकि आज़ाद भारत का लोकतंत्र उस समुदाय के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभा पाया है.