कोरोना वायरस अनलॉक: सिनेमाघरों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ 15 अक्टूबर से संचालन की अनुमति

कोरोना वायरस महामारी के दौरान त्योहारी मौसम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भीड़भाड़ वाले आयोजनों के लिए दिशानिर्देश जारी किए. इसके अनुसार, रैलियों और विसर्जन जुलूसों में लोगों की संख्या निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए और सामाजिक दूरी तथा मास्क पहनना सुनिश्चित किया जाना चाहिए.

सरकार सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति नहीं देती है तो नौकरियां जाएंगी: मल्टीप्लेक्स संगठन

कोरोना महामारी के रोकथाम के मद्देनज़र देश में सिनेमाघर बंद हैं. मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार से इन्हें खोलने की अपील करते हुए कहा है कि इस क्षेत्र को पिछले छह महीने में 9,000 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है.

मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन, फिल्म निर्माताओं ने केंद्र से सिनेमाघरों को खोलने की मांग की

मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि सिनेमा उद्योग देश की संस्कृति का न सिर्फ अंतर्निहित हिस्सा है, बल्कि अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा भी है जिससे लाखों लोगों की आजीविका चलती है.

ओटीटी प्लेटफॉर्म के कंटेंट अपने दायरे में लाने की तैयारी में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय

डिजिटली प्रसारित होने वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आईटी मंत्रालय के तहत आते हैं. अब इन प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित होने वाले कंटेंट को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने अपने दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा है.

लॉकडाउन: क्या ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म सिनेमाघरों के लिए चुनौती बनकर उभर रहे हैं?

कोरोना वायरस के मद्देनज़र लागू लॉकडाउन के बीच अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ सिनेमाघरों की बजाय सीधे ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हो रही है. कुछ और फिल्में हैं, जो अब सीधे इन्हीं प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ होने वाली हैं. ऐसे में बंदी के दौर से गुज़र रहे सिनेमाघरों के सामने ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स ने नया संकट खड़ा कर दिया है.

फिल्म देखने वालों को थियेटर से ही खाने की सामग्री क्यों ख़रीदनी चाहिए: बॉम्बे हाईकोर्ट

महाराष्ट्र के सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्सों में बाहर का खाना ले जाने की मनाही के नियम को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

राष्ट्रगान विवाद: जो चीज़ें अहम होतीं हैं उन्हें आम नहीं बनाना चाहिए

सिनेमाघर न तो पंद्रह अगस्त और छब्बीस जनवरी का लाल किला है, न ही उन तमाम स्कूलों और कॉलेजों का मैदान, जहां इन दो दिनों पर राष्ट्रगान भी होता है और ‘रंगारंग कार्यक्रम’ भी.