गुजरात: सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान ज़हरीली गैस से दम घुटने से दो की मौत

गुजरात के भरूच ज़िले का मामला है. तीन श्रमिक टैंक के अंदर द्रव से ठोस अपशिष्ट अलग कर रहे थे, तब यह घटना घटी. वे ज़हरीली गैस के कारण अचानक बेहोश हो गए.

पश्चिम बंगाल: मैनहोल की सफाई के दौरान चार मज़दूरों की मौत, तीन घायल

कोलकाता के कूधघाट इलाके में एक क्लब के पास ड्रेनेज सिस्टम के मरम्मत के दौरान यह घटना हुई. सात मज़दूर मेनहोल की सफाई के लिए उतरे थे. तीन घायल श्रमिकों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.

मैला ढोने की प्रथा रोकने के लिए क़ानून बदलेगा, मशीन से सफाई कराना होगा अनिवार्य

विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर केंद्र ने सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज भी शुरू किया है, जिसका उद्देश्य सीवरों और सेप्टिक टैंकों की सफाई को लोगों द्वारा कराने से रोकना और मशीन से उनकी सफाई को बढ़ावा देना है.

दिल्ली में सफाई करने के दौरान सेप्टिक टैंक में गिरने पर दो लोगों की मौत

दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में बदरपुर के मोलारबंद इलाके में हुआ हादसा. हादसे में बीमार हुए एक अन्य व्यक्ति का इलाज अस्पताल में चल रहा है. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

पिछले 10 वर्ष में सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान 631 लोगों की मौत हुई: आरटीआई

सूचना के अधिकार कानून के तहत राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ने बताया है कि पिछले 10 वर्षों में सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान सबसे ज़्यादा मौत तमिलनाडु में हुई. इसके बाद उत्तर प्रदेश और फिर दिल्ली तथा कर्नाटक में मौते हुई हैं.

राजस्थान: मुख्यमंत्री का निर्देश- किसी सफाईकर्मी को सीवर की सफाई के लिए चेंबर में न उतरना पड़े

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों व सफाईकर्मियों के साथ संवाद के दौरान कहा है कहा कि जिस समर्पण भाव के साथ स्वच्छताकर्मियों ने काम किया है, उससे कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने में हम कामयाब हो सके हैं.

सीवर सफाई के दौरान तीन वर्षों में हुई 271 सफाईकर्मियों की मौत: केंद्र सरकार

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की ओर से सूचना के अधिकार के तहत प्रदान किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है.

मुंबई: सीवर सफाई के दौरान दो लोगों की मौत

मुंबई के गोरेगांव पूर्व स्थित ए​क मॉल में हुआ हादसा. पुलिस ने बताया कि दुर्घटनावश मौत का मुकदमा दर्ज किया गया है और उस ठेकेदार की तलाश कर रही है, जिसने उन दोनों मृतकों को काम पर रखा था.

दिल्ली में 1993 के बाद से सीवर की सफाई के दौरान 64 लोगों की मौत: सफाई कर्मचारी आयोग

सीवर की सफाई करते हुए मारे गए इन 64 लोगों में राज्य सरकार ने 46 के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया है. आयोग ने दिल्ली प्रशासन से बाकी परिवारों को एक हफ्ते के भीतर मुआवजा प्रदान करने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार, कोई देश अपने लोगों को मरने के लिए गैस चैंबर में नहीं भेजता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश की स्वतंत्रता को 70 साल से अधिक बीत चुके हैं लेकिन आज भी जातिगत भेदभाव बरक़रार है. हर महीने मैला ढोने के काम में लगे चार से पांच लोग की मौत हो रही है.

गाजियाबाद: सीवर लाइन बनाने के दौरान दम घुटने से पांच मजदूरों की मौत

ठेकेदार ने मजदूरों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

सीवर सफाईकर्मियों की मौतों से जुड़े मामलों में किसी को सज़ा नहीं हुई: सरकार

सामाजिक न्याय और अधिकारिता सचिव नीलम साहनी ने स्वीकार किया कि सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान सफाई कर्मचारियों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है और सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के बावजूद इन सभी मामलों में 10 लाख रुपये के मुआवजे का भी भुगतान नहीं किया गया.

2019 के शुरुआती छह महीने में सीवर सफाई के दौरान 50 लोगों की मौतः रिपोर्ट

राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, ये आंकड़े सिर्फ आठ राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के हैं.

हरियाणा में सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस से चार की मौत

आरोप है कि सफाईकर्मियों ने बिना सुरक्षा उपकरण के सेप्टिक टैंक में घुसने से मना कर दिया था, लेकिन उन पर दबाव डालकर टैंक साफ करने के लिए मजबूर किया गया.

गुजरात: सेप्टिक टैंक में दम घुटने से चार सफाई कर्मचारियों समेत सात की मौत

यह घटना गुजरात के दाभोई तालुका की है. सेप्टिक टैंक की सफाई करने उतरे सफाई कर्मचारियों को खोजने एक-एक कर लोग गए और सभी की अंदर दम घुटने से मौत हो गई.