गृह सचिव अजय भल्ला ने लोकसभा नियमों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार सुरक्षा के आधार पर कोई भी दस्तावेज़ सार्वजनिक करने से इनकार कर सकती है. कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई वाली संसदीय समिति ने टेलीकॉम सेवाएं/इंटरनेट पर पाबंदी को लेकर गृह मंत्रालय के अधिकारियों से देने को कहा था.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में फेसबुक के आंतरिक ग्रुप के संदेशों के आधार पर कहा गया है कि भारत में कंपनी की शीर्ष अधिकारी आंखी दास साल 2012 से अप्रत्यक्ष रूप से नरेंद्र मोदी और भाजपा का समर्थन करती रही हैं. यह दुनियाभर के चुनावों में तटस्थ रहने के फेसबुक के दावों पर सवाल खड़े करता है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा संसदीय समितियों की बैठकों में अदालत में विचाराधीन मामलों को नहीं लेने का सुझाव दिया गया था. इस संबंध में सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि जम्मू कश्मीर में इंटरनेट का मसला अब अदालत में लंबित नहीं है.
सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति की प्रस्तावित बैठक में नागरिक अधिकारों की सुरक्षा और सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग पर रोक लगाने पर चर्चा की जाएगी. वहीं इस समिति के सदस्य और भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर को पद से हटाने की मांग की है.
कांग्रेस ने अपने पत्र में कहा है कि वॉल स्टीट जर्नल की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि फेसबुक इंडिया के मौजूदा नेतृत्व ने भाजपा के नेताओं द्वारा फैलाए जा रहे हेट स्पीच को लेकर नरमी बरती है. यह भारत के चुनावी लोकतंत्र में फेसबुक द्वारा हस्तक्षेप है.
अमेरिकी अख़बार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने एक रिपोर्ट में बताया था कि फेसबुक ने नाराज़गी के डर से भाजपा नेता की एंटी-मुस्लिम पोस्ट पर कार्रवाई नहीं की थी. सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष शशि थरूर ने कहा है कि वे इस मामले में फेसबुक का पक्ष सुनना चाहेंगे.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अधिकारियों के प्रेजेंटेशन के बाद सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के सदस्य इस आम सहमति पर पहुंचे कि देश में इंटरनेट शटडाउन पर निर्भरता कम होनी चाहिए, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का भी ख़्याल किया जाना चाहिए.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति को दरकिनार करते हुए सरकार ने व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक संयुक्त प्रवर समिति के पास भेज दिया. इस समिति की अध्यक्षता सत्तापक्ष का सदस्य करेगा. थरूर ने कहा कि यह एक खतरनाक परंंपरा की शुरुआत है.