मेजर लीतुल गोगोई के एक स्थानीय महिला के साथ पाए जाने के मामले में श्रीनगर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने कहा कि जांच असली तथ्यों का पता लगाए बिना बेहद लापरवाह तरीके से की गई है.
बीते 23 मई को मेजर लीतुल गोगोई को पुलिस ने श्रीनगर के एक होटल में विवाद होने के बाद हिरासत में लिया था, वे तब एक 18 वर्षीय महिला के साथ होटल में घुसने की कोशिश कर रहे थे.
बीते 23 मई को मेजर लीतुल गोगोई को पुलिस ने श्रीनगर स्थित उस होटल में तकरार होने के बाद हिरासत में लिया था जहां पर वह कथित रूप से 18 वर्षीय महिला के साथ जाने की कोशिश कर रहे थे.
यह फैसला सेना प्रमुख बिपिन रावत के इस बयान के शीघ्र बाद आया कि यदि मेजर गोगोई किसी अपराध के दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी.
पिछले साल कश्मीर में अपनी जीप के बोनट पर एक नागरिक को बांधकर घुमाने वाले मेजर लीतुल गोगोई को पुलिस ने हाल ही में एक होटल विवाद के बाद एक लड़की के साथ हिरासत में लिया था.
इसके पहले किसी जनरल या सैन्य अधिकारी के प्रेस कांफ्रेंस की कोई मिसाल हमें याद नहीं. पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण के समय भी नहीं.
इस वक़्त बड़ी चुनौती आतंकियों पर दबाव बनाने की है. इसके लिए समझदारी की ज़रूरत है लेकिन यह सेना प्रमुख के बयान और मोदी सरकार के इससे निपटने के तरीके में कम ही दिखता है.
कश्मीर के कुछ इलाकों में सुरक्षा बलों को आतंकवाद निरोधक अभियानों के दौरान स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है.