क़ानूनों की सख़्ती को मानवता के चलते स्थगित किया जा सकता है

इंसानियत का ज़िक्र कहीं तहखाने में फ़ेंक दी गई संवेदना को जगाने की ताक़त रखता है, इसीलिए सत्ता इस शब्द को बर्दाश्त नहीं कर सकती. बावजूद ऐतिहासिक दुरुपयोग के मानवता शब्द में एक विस्फोटक क्षमता है. इसे अगर ईमानदारी से इस्तेमाल करें, तो यह भीतर तक जमी बेहिसी की चट्टानी परतों को छिन्न-भिन्न कर सकता है.

दिल्ली दंगा: एलजी के आदेश पर पैरवी के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता समेत छह वकील नियुक्त

दिल्ली सरकार ने इससे पहले दिल्ली पुलिस द्वारा सुझाए गए वकीलों के नामों को स्वीकार करने से मना कर दिया था. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सरकार के आदेश को ख़ारिज करते हुए पुलिस द्वारा भेजे गए वकीलों के नाम स्वीकार करने को कहा.

लॉकडाउन: क्या सरकार का ये दावा सही है कि आनंद विहार में झूठी ख़बरों से मज़दूरों की भीड़ जुटी?

बीते 28 मार्च की शाम दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी मज़दूरों की भीड़ घर जाने के लिए जुट गई. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि फेक न्यूज़ के कारण यह भीड़ जुटी थी.

गिद्ध कहकर केंचुआ बनाए रखने की मेहता-मंशा

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लॉकडाउन के दौरान मज़दूरों की मुसीबतों को कवर करने वाले पत्रकारों की तुलना गिद्धों से की. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.

तुषार मेहता के ‘गिद्ध’ पत्रकार और ग़ैरक़ानूनी होता असहमति का अधिकार

वीडियो: प्रवासी श्रमिकों के संकट के कवरेज के लिए 27 मई को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष फोटो और वीडियो पत्रकारों के खिलाफ भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की टिप्पणी की ऑल इंडिया वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन ने आलोचना की है. इस पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

सॉलिसिटर जनरल द्वारा कोर्ट में सुनाई गई ‘गिद्ध वाली कहानी’ फ़र्ज़ी वॉट्सऐप मैसेज पर आधारित थी

फैक्ट चेक: सुप्रीम कोर्ट में 28 मई को प्रवासी मज़दूरों के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाए क़दमों का ब्योरा देते समय सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एक पुरानी घटना का ज़िक्र करते हुए ऐसा इशारा किया था कि मज़दूरों की परेशानियों को दिखाते लोग गिद्धों की तरह हैं. पड़ताल बताती है कि यह घटना असल में हुई ही नहीं, यह एक झूठा वॉट्सऐप मैसेज है.

केंद्र द्वारा हर्ष मंदर के भाषण को ‘भड़काऊ’ कहने का दावा ग़लत है

सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर द्वारा सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेताओं के नफ़रत भरे भाषण देने पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए याचिका लगाई गई है. इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंदर के एक पुराने भाषण के अंश का हवाला देते हुए उसे हिंसा भड़काने वाला कहा है.

भूमि अधिग्रहण कानून: सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अगर मुआवजा खजाने में जमा है तो फिर से कार्यवाही नहीं

पीठ के सामने ये सवाल था कि सरकार द्वारा सरकारी खजाने में जमा कराए गए मुआवजे को 'मुआवजा अदा किया गया' माना जाएगा या नहीं. इसे लेकर कोर्ट को भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 की धारा 24(2) की व्याख्या करनी थी.

दिल्ली दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा- देरी अनुचित, 6 मार्च को करें सुनवाई

बीते 27 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने भाजपा नेताओं व अन्य के नफरती भाषणों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की याचिका पर सुनवाई को 13 अप्रैल तक स्थगित कर दिया था.

असम: आधिकारिक वेबसाइट से एनआरसी डेटा गायब, गृह मंत्रालय ने कहा- तकनीकी समस्या है

एनआरसी के राज्य संयोजक हितेश देव शर्मा ने बताया कि बड़े पैमाने पर डेटा सेव करने के लिए आईटी कंपनी विप्रो ने क्लाउड सेवा मुहैया कराई थी, जिससे अनुबंध का नवीनीकरण न हो पाने के चलते एनआरसी का डेटा ऑफलाइन हो गया है.

जिन बच्चों के नाम असम एनआरसी में नहीं आए, उन्हें डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा: केंद्र सरकार

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि जिन बच्चों के माता-पिता के नाम एनआरसी की सूची में हैं, लेकिन उनके नहीं, उन्हें डिटेंशन सेंटर में नहीं भेजा जाएगा. शीर्ष अदालत ने नए एनआरसी समन्यवयक के कथित सांप्रदायिक बयानों पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण भी मांगा है.

अपनी सरकार से कहें कि हमारे फैसले खेलने के लिए नहीं हैं: जस्टिस आरएफ नरीमन

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आरएफ नरीमन ने एक मामले की सुनवाई करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि कृपया अपनी सरकार को सबरीमाला मामले में सुनाए गए असहमति के फैसले को पढ़ने के लिए कहें, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है.....हमारा फैसला खेलने के लिए नहीं है.

जस्टिस अरुण मिश्रा ने भूमि अधिग्रहण मामलों की सुनवाई से हटने से किया इनकार

कई किसान संगठनों और व्यक्तियों ने भूमि अधिग्रहण क़ानून के प्रावधानों को चुनौती देने संबंधी मामले की सुनवाई में जस्टिस अरुण मिश्रा के शामिल होने पर आपत्ति जताई है. उनकी दलील है कि जस्टिस मिश्रा पिछले साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुनाए गए फैसले में पहले ही अपनी राय रख चुके हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ़्तारी पर लगी रोक हटाई

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि उनका यह आदेश सात दिन बाद से लागू होगा, तब तक पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार की गिरफ़्तारी नहीं होगी. इन सात दिन की अवधि में राजीव कुमार चाहे तो अपने लिए जमानत की अर्जी अदालत में दायर कर सकते हैं.

एनआरसी प्रक्रिया को बर्बाद करना चाहती है केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट

चुनावी ड्यूटी में केंद्रीय सशस्त्र बलों की भूमिका को देखते हुए दो सप्ताह तक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का कार्य रोकने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से अपील की गई थी.