सोमनाथ चटर्जी दस बार लोकसभा सांसद रहे थे. हालांकि एक बार उन्हें ममता बनर्जी से हार का सामना करना पड़ा था. चटर्जी माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रहे थे.
प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब में लिखा है, 'ममता ने निडर और आक्रामक रूप से अपना रास्ता बनाया. आज वह जिस मकाम पर हैं, वह उनके संघर्ष का परिणाम है.