उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला है. छात्रा के पिता ने आरोप लगाया कि बेटी की फीस न जमा होने से उसे स्कूल प्रबंधन ने परीक्षा कक्ष से बीते दो जनवरी को लौटा दिया था, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली. स्कूल प्रबंधन ने आरोप से इनकार किया है.
आरोपी छात्र ने कथित तौर पर इस अपराध को अंजाम इसलिए दिया क्योंकि वह चाहता था कि पूर्व निर्धारित पेरेंट्स-टीचर मीटिंग और परीक्षा टल जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह याचिका सिर्फ संबंधित स्कूल तक सीमित नहीं है क्योंकि इसका प्रभाव देशव्यापी है.
बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही पर स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी तय होने और संबंद्धता रद्द होने तक के प्रावधान हैं, लेकिन सीबीएसई के दिशानिर्देशों का पालन नहीं हो रहा है.