उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला है. छात्रा के पिता ने आरोप लगाया कि बेटी की फीस न जमा होने से उसे स्कूल प्रबंधन ने परीक्षा कक्ष से बीते दो जनवरी को लौटा दिया था, जिसकी वजह से उसने आत्महत्या कर ली. स्कूल प्रबंधन ने आरोप से इनकार किया है.
राज्य सरकार के इस क़दम से नाखुश गुजरात के लगभग 15,000 स्व-वित्तपोषित स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन ने ऑनलाइन कक्षाएं रोकने का फैसला किया है.
विभिन्न राज्यों के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों की तीन महीने की फीस माफ़ करने और नियमित स्कूल शुरू होने तक फीस नियंत्रित किए जाने की मांग की थी.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निजी स्कूलों से कहा है कि इस कठिन समय में छात्र-छात्राओं को लॉकडाउन से प्रभावित न होने दें.
सीबीएसई ने भी स्कूल फीस भुगतान तथा शिक्षकों के वेतन के मुद्दे पर संवेदनशीलता के साथ विचार करने की सलाह दी है. इसके साथ ही दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने भी निजी स्कूलों से फीस न बढ़ाने की अपील की है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि लॉकडाउन के दौरान बच्चों से यातायात शुल्क, सालाना शुल्क या कोई भी अन्य शुल्क वसूला नहीं जा सकता है. शुल्क जमा हो या ना हो, किसी भी छात्र को ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने से नहीं रोका जा सकता है.
मामला उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले के शोहरतगढ़ स्थित सरस्वती शिशु मंदिर का है. पिता ने स्कूल के प्रिंसिपल पर जातिसूचक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया.