इससे पहले कि ये छद्म आयोजन इतने बड़े हो जाएं कि देश के तौर पर हमारी भविष्य यात्राओं के मुंह भूत की ओर घुमा दिए जाएं और हमें वहां ले जाकर खड़ा कर दिया जाए, जब हमारे पुरखों ने लज्जा ढकने के लिए आगे-पीछे पत्ते लपेटना भी नहीं सीखा था, हमें होश संभालकर सचेत हो जाने की ज़रूरत है.
जालंधर में आयोजित भारतीय विज्ञान कांग्रेस में आंध्र यूनिवर्सिटी के कुलपति जी. नागेश्वर राव ने कहा कि विज्ञान और तकनीक भारत के लिए कोई नई बात नहीं हैं, यह बहुत पहले से देश में मौजूद थीं. भगवान राम ने ऐसे अस्त्रों का इस्तेमाल किया था जो लक्ष्य का पीछा कर उसे भेदने के बाद वापस आ जाते थे, जैसा गाइडेड मिसाइल में होता है.