वीडियो: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री लेने वाली ग़ज़ाला अहमद ने आरोप लगाया है कि उनके हिजाब पहनने के कारण एक हिंदी मीडिया पोर्टल ने उन्हें नौकरी देने से इनकार कर दिया था. उनका कहना है कि नौकरी के लिए उनका चयन हो चुका था, लेकिन जब मीडिया पोर्टल संस्थान को हिजाब का पता चला तो उन्हें मना कर दिया गया.
अयोध्या में 1990-92 में प्रिंट मीडिया का प्रभुत्व था, अब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने उसे पीछे धकेलकर सांप्रदायिक पत्रकारिता का परचम उससे छीन लिया है और ख़ुद को राम मंदिर आंदोलन का अघोषित प्रवक्ता बना लिया है.
मीडिया बोल की 67वीं कड़ी में उर्मिलेश हिंदी भाषी मीडिया और हिंदी समाज पर पॉलिटिकल साइंटिस्ट सविता सिंह और जेएनयू के प्रो. विवेक कुमार से चर्चा कर रहे हैं.