गिरिराज किशोर द्वारा लिखा गया ‘पहला गिरमिटिया’ नामक उपन्यास महात्मा गांधी के अफ्रीका प्रवास पर आधारित था, जिसने इन्हें विशेष पहचान दिलाई.
साक्षात्कारः हिंदी की वरिष्ठ लेखिका और साहित्यकार ममता कालिया का कहना है कि स्त्री विमर्श के लिए हमें सिमोन द बोउआर तक पहुंचने से पहले महादेवी वर्मा को पढ़ना पड़ेगा, जिन्होंने 1934 में ही लिख दिया था कि हम स्त्री हैं. हमें न किसी पर जय चाहिए, न पराजय, हमें अपनी वह जगह चाहिए जो हमारे लिए निर्धारित है.
89 वर्षीय रमणिका गुप्ता देश की वामपंथी प्रगतिशील धारा की प्रमुख रचनाकार थीं.
हिंदी साहित्य का लिविंग लीजेंड कहे जाने वाले नामवर सिंह जनवरी से अस्पताल में भर्ती थे. मंगलवार देर रात आखिरी सांस ली.
जयंती विशेष: द्विवेदी जी ऐसे कठिन समय में हिंदी के सेवक बने, जब हिंदी अपने कलात्मक विकास की सोचना तो दूर, विभिन्न प्रकार के अभावों से ऐसी बुरी तरह पीड़ित थी कि उसके लिए उनसे निपट पाना ही दूभर हो रहा था.