हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले में जुलाई, 2017 में स्कूल से घर जा रही नाबालिग छात्रा की कोटखाई जंगल इलाके में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी. कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह और माकपा विधायक राकेश सिंघा ने मामले की सीबीआई जांच पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि असली अपराधी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि मृत्युपर्यंत आजीवन कारावास की सज़ा पाने वाले लकड़हारे को झूठा फंसाया गया है.
भाजपा नेता अजय श्याम ने हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के कुमारसैन थाने में पिछले साल विनोद दुआ के ख़िलाफ़ राजद्रोह समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि विनोद दुआ ने अपने यूट्यूब कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने वोट लेने के लिए ‘मौतों एवं आतंकी हमलों’ का इस्तेमाल किया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि मीडिया के संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की सीमाएं तय करने की
इस पहाड़ी राज्य में काम करने वाले प्रवासी मज़दूरों को डर है कि साल 2020 में कोरोना की पहली लहर में राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान उन्होंने जो दुख और चुनौतियां झेलीं, इस बार भी वैसा ही होने वाला है.
विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा रखे गए कटौती प्रस्ताव में कहा गया कि 2019-20 में अगस्त तक हिमाचल प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत ख़र्च किए गए कुल 939 करोड़ रुपये में से जल शक्ति मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में 263 करोड़ और मुख्यमंत्री के क्षेत्र में 181 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र को विकास की सख़्त ज़रूरत थी.
दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा के सांसद राम स्वरूप का शव राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनके आधिकारिक आवास की छत के पंखे से लटका मिला. पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है.
वर्तमान में एमएसपी जैसे तरीके पहाड़ों की आबादी के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं, हालांकि मुख्यधारा के मीडिया और इन जगहों के दूर होने के चलते यहां के लोगों को इस मुद्दे पर इकट्ठा होना मुमकिन नहीं हो रहा है.
मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड और केरल के प्रभावित इलाकों को संक्रमण मुक्त करने का अभियान जारी है. भारत द्वारा 30 सितंबर, 2020 को बर्ड फ्लू से देश को मुक्त घोषित करने के कुछ महीने बाद यह बीमारी फिर से सामने आई है.
केंद्र की ओर से जारी बयान के अनुसार, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जलाशयों, जीवित पक्षी बाज़ारों, मुर्गीपालन केंद्रों और चिड़ियाघरों आदि के आसपास निगरानी बढ़ाने का अनुरोध किया गया है. साथ ही मृत पक्षियों को प्रोटोकॉल के तहत दफ़नाने और मुर्गीपालन केद्रों में पक्षियों की सुरक्षा को लेकर अधिक ध्यान देने का आग्रह किया गया है.
बर्ड फ्लू के ख़तरे के मद्देनज़र दिल्ली में जीवित पक्षियों के आयात पर रोक लगा दी गई है. साथ ही गाजीपुर मुर्गा बाज़ार अगले 10 दिन तक बंद कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश में कानपुर के चिड़ियाघर और ज़िले की चिकन तथा अंडे की सभी दुकानों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है.
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात से कार्य योजना के मुताबिक बर्ड फ्लू पर रोकथाम के लिए कहा है. ख़तरे के बीच दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में 200 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई है. इनमें से अधिकांश कौए हैं. मौत के कारणों की जांच के लिए उनके नमूनों को प्रयोगशालाओं में भेजा गया है.
हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि के बाद विभिन्न राज्यों को इस संबंध में एलर्ट जारी कर दिया गया है. बर्ड फ्लू के नए मामले इसलिए भी चिंताजनक हैं, क्योंकि अभी कुछ महीने पहले 30 सितंबर 2020 को भारत ने ख़ुद को इस बीमारी से मुक्त घोषित किया था.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई विशेष बैठक में इसे हरी झंडी दी गई. विधेयक में सामूहिक धर्म परिवर्तन कराए जाने पर कम से कम पांच साल और अधिकतम दस साल के कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. इस अधिनियम के तहत दर्ज मामले ग़ैर-ज़मानती होंगे.
साल 2012 में हिमाचल प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार बीते दिनों लागू हुए नए धर्मांतरण विरोधी क़ानून जैसा एक क़ानून लाई थी, जिसे हाईकोर्ट द्वारा असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों का हनन बताते हुए उस पर रोक लगा दी गई थी.
इस विधेयक को पिछले साल 30 अगस्त को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पारित किया गया था और राज्यपाल की मंज़ूरी मिली थी. इस धर्मांतरण विरोधी क़ानून में सात साल तक की कड़ी सज़ा का प्रावधान है जबकि पुराने हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता क़ानून, 2006 के तहत तीन साल की सज़ा का प्रावधान था.
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर सोमवार को सभी स्कूलों और कॉलेजों को 31 दिसंबर तक बंद रखने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने सभागारों में लोगों के जुटने की संख्या 200 से घटाकर 100 कर दी है.