यूनिसेफ की ओर से कहा गया है कि साबुन से हाथ न धोने से लाखों लोगों को कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों का ख़तरा है. मध्य और दक्षिण एशिया में 22 प्रतिशत लोग यानी 15.3 करोड़ लोगों के पास हाथ धुलाई की सुविधा का अभाव है.
वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैलुएशन के शोधकर्ताओं के अनुसार, भारत, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नाइजीरिया, इथियोपिया, कांगो और इंडोनेशिया में से हर एक देश में पांच करोड़ से अधिक लोगों के पास हाथ धोने की सुविधा नहीं है.