केरल: कैंपसों में जातिगत भेदभाव रोकने के लिए यूडीएफ का ‘रोहित एक्ट’ लाने का वादा

केरल में कांग्रेस नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने राज्य में 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में दलित और आदिवासी छात्रों को कॉलेज और विश्वविद्यालय कैंपसों में होने वाले भेदभाव से लड़ने के लिए ‘रोहित एक्ट’ लागू करने का वादा किया है.

रोहित वेमुला, पायल तड़वी की माताओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा

2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधार्थी रोहित वेमुला और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने कथित तौर पर जातिगत भेदभाव के चलते आत्महत्या कर ली थी. दोनों की माताओं ने शीर्ष अदालत से विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में ऐसे भेदभाव को ख़त्म किए जाने का अनुरोध किया है.

संस्थानों में जातिगत भेदभाव के ख़िलाफ़ अदालत पहुंचीं रोहित वेमुला-पायल तड़वी की मांएं

कथित तौर पर जातिगत भेदभाव को ज़िम्मेदार बताते हुए हैदराबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे रोहित वेमुला ने साल 2016 में और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने आत्महत्या कर ली थी.

रोहित वेमुला: मुल्क के विवेक पर एक चिट्ठी की दस्तक के तीन साल

तीन साल हो गए, जब रोहित वेमुला के आख़िरी खत ने इस मुल्क के ज़मीर को झकझोर दिया. कम से कम उसकी आवाज़ हर उस दिमाग तक पहुंची जिसमें देखने की एक निगाह और सोचने के लिए कुछ पल मौजूद थे. लोग सहमत हुए, असहमत हुए, दुखी हुए, नाराज़ हुए, लेकिन इस ख़त के बारे में अपनी राय को लेकर उनमें कोई असमंजस नहीं था.

अब तो कुलपति भी क़त्ल के लिए उकसाने लगे!

कुलपतियों के कारनामे अब देश के विश्वविद्यालयों का मौसम बन गए हैं. विश्वविद्यालयों की प्रतिष्ठा और गुणवत्ता दोनों पर दाग लग रहे हैं. बड़बोलेपन में राजनीतिक नेताओं को भी मात करने वाले कुलपतियों के ही कारण देश के कई बड़े और श्रेष्ठ उच्च शिक्षण संस्थान इन दिनों बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं.

छात्र-छात्राओं के लिए राजनीति क्यों ज़रूरी है

इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में समाजवादी छात्र सभा ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सांस्कृतिक सचिव और उपमंत्री का पद जीता, एबीवीपी की केवल एक पद पर जीत.

हैदराबाद विश्वविद्यालय: रोहित वेमुला की पार्टी को मिली छात्रसंघ चुनाव में जीत

आंबेडकर स्टूडेंट एसोसिएशन और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के गठबंधन वाली एलायंस फॉर सोशल जस्टिस (एएसजे) ने छात्रसंघ के सभी पदों पर जीत हासिल की है.