हरियाणा की 63 फ़ीसदी आबादी ‘गरीबी रेखा से नीचे’, विशेषज्ञों ने आंकड़ों पर सवाल उठाया

परिवार पहचान पत्र के आंकड़ों के मुताबिक, बीपीएल परिवारों की सबसे अधिक संख्या फरीदाबाद में है. इसके बाद मेवात, हिसार और करनाल जिला का नंबर आता है. हालांकि हिसार और करनाल राज्य के सबसे समृद्ध जिलों में माने जाते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस डेटा में सरकारी लाभ लेने के लिए फ़र्ज़ी बीपीएल कार्ड धारक भी हो सकते हैं.

हरियाणा: ज़मानत पर बाहर नूंह हिंसा के आरोपी ने पुलिस की मौजूदगी में शख़्स को छड़ी से पीटा

पुलिस ने बताया कि घटना 1 अप्रैल की है और जिस शख़्स को पीटा गया है, उसे लेकर लोगों को संदेह था कि वह दो बच्चियों का यौन उत्पीड़न करना चाहता था. बताया गया है कि स्थानीय स्तर पर हुए विवाद के बाद बिट्टू बजरंगी के समूह के लोग उस व्यक्ति को अपने एक नेता के घर ले गए थे, जहां उसे पीटा गया.

हरियाणा: मुख्यमंत्री खट्टर का इस्तीफ़ा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष-सांसद नायब सैनी बने मुख्यमंत्री

इस कदम के पीछे का तात्कालिक कारण जननायक जनता पार्टी के साथ भारतीय जनता पार्टी के साढ़े चार साल के गठबंधन का टूटना बताया जा रहा है. आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीट आवंटन में मतभेद को भाजपा-जजपा गठबंधन में दरार का मुख्य कारण माना जा रहा है.

हरियाणा: विधानसभा में प्रश्नकाल में जवाब देने के लिए अधिकतम 50 शब्दों की सीमा तय, विरोध में विपक्ष

हरियाणा सरकार का कहना है कि इस क़दम का उद्देश्य प्रश्नकाल के दौरान सभी प्रश्नों के उत्तर देना संभव बनाना है. वहीं विपक्षी कांग्रेस ने कहा है कि सरकार जवाबदेही से बचने का प्रयास कर रही है.

किसान प्रदर्शन: घायल युवक की मां ने कहा- हरियाणा पुलिस ने बेटे को पंजाब से उठाया, बेरहमी से पीटा

आरोप है कि बीते दिनों किसानों के दिल्ली चलो मार्च के आह्वान के बाद संगरूर ज़िले के नवांगांव निवासी प्रीतपाल सिंह को 21 फरवरी को हरियाणा पुलिस ने पंजाब की सीमा में घुसकर खनौरी बॉर्डर से उस समय उठा लिया जब वे वहां लंगर बांट रहे थे. बाद में, घायल अवस्था में उन्हें रोहतक के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया.

इनेलो हरियाणा अध्यक्ष की हत्या के लिए पार्टी नेता ने मुख्यमंत्री खट्टर को ज़िम्मेदार ठहराया

इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के हरियाणा प्रमुख नफे सिंह राठी और एक पार्टी कार्यकर्ता की झज्जर ज़िले में रविवार शाम हत्या कर दी गई. पार्टी नेता अभय चौटाला ने दावा किया है कि इस घटना के लिए वह स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री को ज़िम्मेदार मानते हैं. छह महीने पहले जान को ख़तरा होने की जानकारी देने के बावजूद उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई थी.

किसानों ने केंद्र सरकार से कहा- एमएसपी की गारंटी पर अध्यादेश जारी करें, फिर बातचीत जारी रखें

शंभू बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान मज़दूर मोर्चा ने कहा है कि अगर केंद्र सरकार किसानों के विरोध का समाधान करना चाहती है तो उसे तुरंत एक अध्यादेश जारी करना चाहिए, चर्चा इसके बाद भी की जा सकती है. इस बीच, केंद्र ने पंजाब के 20 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट पर प्रतिबंध 24 फरवरी तक बढ़ा दिया है.

युद्धग्रस्त इज़रायल में नौकरी के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा से 5,600 से अधिक श्रमिकों का चयन

युद्धग्रस्त इज़रायल में कुशल श्रमिकों की भर्ती के लिए चलाए गए अभियान के तहत हरियाणा से 530 और उत्तर प्रदेश से 5,087 का चयन किया गया. इसके बाद मिज़ोरम, तेलंगाना, राजस्थान, बिहार और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम इंटरनेशनल से इज़रायल के लिए भर्ती अभियान चलाने का अनुरोध किया है.

हरियाणा में अपने दम पर और लोकसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के हिस्से के रूप में लड़ेगी आप: केजरीवाल

हरियाणा के जिंद में आम आदमी पार्टी की एक जनसभा के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता ने अन्य सभी पार्टियों को परखा है और इन पार्टियों ने केवल अपना ख़जाना भरा है. हरियाणा एक ‘बड़े बदलाव’ की तलाश में है, क्योंकि राज्य के लोग सभी पार्टियों से ‘तंग’ आ चुके हैं.

नौकरी में सुरक्षा की कमी से हरियाणा के युवा अग्निवीर सेना भर्ती में शामिल नहीं हो रहे: हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य के युवाओं के साथ मज़ाक किया जा रहा है, क्योंकि सरकार उन्हें विदेशों में असुरक्षित नौकरियां दे रही है और कमीशन भी ले रही है. राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज हरियाणा बेरोज़गारी और महंगाई में टॉप पर है.

भारतीय श्रमिकों को बिना सुरक्षा इज़रायल भेजे जाने पर मज़दूर संगठनों ने चिंता जताई

बीते दिसंबर में उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने इज़रायल में नौकरियों के लिए निर्माण श्रमिकों से आवेदन मांगे थे. सरकार की योजना संघर्ष प्रभावित देश में कम से कम 10,000 श्रमिकों को भेजने की है. ट्रेड यूनियनों का तर्क है कि भारत सरकार संघर्षरत क्षेत्रों में काम करने जाने वाले श्रमिकों के लिए तय सुरक्षा मानकों को नज़रअंदाज़ कर रही है.

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